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सोमवार, 19 अगस्त 2024

हेल्थ : भारत में एमपॉक्स का बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा मोदी कर रहे निगरानी


दिल्ली संक्रामक रोग मंकीपॉक्स के लिए भारत की तैयारियों का केंद्र सरकार ने मूल्यांकन किया है। साथ ही, यह स्पष्ट किया कि भारत में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। मंकीपॉक्स के लिए सरकार की तैयारियों और इसकी पहचान के लिए निगरानी तंत्र पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने की। उनका दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर समय स्थिति पर नजर रखते हैं।अफ्रीका में मंकीपॉक्स फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले सप्ताह मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया। यह जानलेवा बीमारी पूरे देश और अफ्रीका के कई क्षेत्रों में फैली हुई है। रविवार को प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने कहा कि भारत में इस समय मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। व्यापक प्रसार का जोखिम कम है।
देश में मंकीपॉक्स की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार नजर रख रहे हैं। बैठक के मौजूदा आकलन से संकेत मिलता है कि देश में व्यापक बीमारी फैलने की बहुत कम संभावना है। मिश्रा ने कहा कि संक्रमण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। अनुरोध किया गया है कि रोग की शीघ्र पहचान के लिए जांच लैब नेटवर्क को और प्रभावी बनाया जाए। फिलहाल 32 लैब में इसकी जांच हो सकती है। इस रोग के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया गया है। इसके लक्षण अपने आप गायब हो जाते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक त्वचा पर काले छाले के साथ बुखार पैदा करने वाली इस बीमारी से दुनिया भर में अब तक कुल 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं। दो से चार सप्ताह के भीतर रोग के लक्षण अपने आप गायब हो जाते हैं। इस तरह यह बीमारी फैलती है।ऐम्पॉक्स के मरीज आमतौर पर न्यूनतम चिकित्सकीय देखभाल के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। संक्रमित मरीज के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने से यह बीमारी फैलती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मरीज के साथ यौन संबंध बनाना, मरीज के खून या मवाद को छूना या संक्रमित कपड़े पहनना ऐम्पॉक्स के संक्रमण के सभी तरीके हैं।

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