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बुधवार, 28 अगस्त 2024

यूपी में नई सोशल मीडिया पॉलिसी मंजूर,कायदे में रहेंगे तो होगी लाखों की कमाई,नहीं मानी तो होगी जेल

लखनऊ। लोकसभा चुनाव नतीजों के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा। भाजपा को इस बार 29 सीटों का नुकसान हुआ।हार की बड़ी वजह सोशल मीडिया में विपक्ष का भारी पड़ना माना गया।इसके बाद से ही योगी सरकार भी होमवर्क में जुट गई है। सरकार के कामकाज का प्रचार प्रभावी तरीके से करने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार की गई है।यूपी से पहले राजस्थान में भी इस तरह की पॉलिसी आई थी।तब अशोक गहलोत वहां के मुख्यमंत्री थे।हालांकि अब वहा सरकार बदल चुकी है और भाजपा के भजनलाल मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद सोशल मीडिया पर फोकस बढ़ा है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर गंभीर हो गई है।चुनाव के बाद हुई बैठकों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहने के लिए कहा गया है।भाजपा हाईकमान का निर्देश है कि नेता सोशल मीडिया पर सरकार की योजनाओं का बढ़-चढ़कर प्रचार और प्रसार करें। योगी सरकार ने नई सोशल मीडिया पाॅलिसी को दी मंजूरी। योगी सरकार ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस संबंध में नीति लाने के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत था।योगी सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पोस्ट किया गया कंटेंट अभद्र,अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए।सरकार का मानना है कि इस नीति के जारी होने के बाद देश विदेश और विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे यूपी के लोगों को रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है।सोशल मीडिया में आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने पर एजेंसी और फर्म के ऊपर विधिक कार्यवाही भी की जायेगी। 3 साल जेल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान। योगी सरकार की नई सोशल मीडिया पॉलिसी में राष्ट्र विरोधी कंटेंट डालने पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

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