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मंगलवार, 13 अगस्त 2024

सरकार व विभाग के ताबड़तोड़ पौधरोपण के बीच उपेक्षित रह गए 100 साल से अधिक उम्र के विरासत वृक्ष

सरकार व विभाग के ताबड़तोड़ पौधरोपण के बीच उपेक्षित रह गए 100 साल से अधिक उम्र के विरासत वृक्ष, अब तक नहीं हो सके संरक्षित


सिधौना। प्रदेश भर में ताबड़तोड़ पौधरोपण कराने के साथ ही सरकार ने सौ वर्ष से अधिक पुराने व विशालकाय पेड़ों को विरासत वृक्ष घोषित कर उन्हें सुरक्षित संरक्षित करने की योजना तैयार की है। सरकार की इस तैयारी के बीच कई महत्वपूर्ण शतायु विरासत वृक्ष आज भी अपने सुरक्षा एवं संरक्षा का इंतजार कर रहे हैं। धरती को हरा भरा बनाने एवं पौधरोपण करने का अभियान जोर शोर से चलाया जाता है। परंतु इन विशालकाय वृक्षों को सुरक्षा प्रदान करने में वन विभाग द्वारा पूरी लापरवाही एवं उदासीनता बरती जाती है और वर्तमान में भी बरती जा रही है। करीब तीन साल पहले पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इस दिशा में प्रयास शुरू किया था। सौ वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को चिह्नित कर उन्हें विरासत वृक्ष घोषित करके उन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित करने की व्यवस्था बनाई। विरासती वृक्षों की सूची तैयार करने के दौरान दावा किया था कि तमाम हेरिटेज पेड़ों को न केवल संरक्षित किया जाएगा, बल्कि प्रत्येक हेरिटेज पेड़ों के आसपास सुरक्षा चक्र बनाकर वृक्ष के पूरे इतिहास का ब्योरा तक वहां अंकित कराया जाएगा। विरासत वृक्ष के पास पट्टिका लगाकर वृक्ष का इतिहास भी अंकित किया जाएगा। लेकिन बाद में सब कुछ कागजों तक सीमित होकर रह गया। सैदपुर रेंज में रंगमहल स्थित गंगाघाट पर पीपल, बरगद, नगवां स्थित पीपल, शीतला मंदिर के पीपल, सम्मो माता परिसर में इमली, झोटा बाबा आश्रम में इमली और काली मंदिर स्थित नीम सहित कुल 7 वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है। सभी वृक्ष सैदपुर नगर के इर्द गिर्द ही स्थित हैं। वन विभाग के रेंजर श्यामनारायण उपाध्याय ने बताया कि कई शतायु वृक्षों की सूची शासन को भेजी गई थी, जहां से सिर्फ सात वृक्षों को विरासत संरक्षण का आदेश आया है।

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