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मंगलवार, 9 जुलाई 2024

डीएम खीरी की अगुवाई में बाढ़ के खिलाफ "आमजन सुरक्षार्थ" सक्रिय हुए खीरी जनपद के सभी विभागों के अफसर

🔘 ट्रैक्टर और मोटरबोट पर सवार होकर बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे डीएम-एसपी

🔘 डीएम-एसपी ने लिया ऑपरेशन का जायजा, बढ़ाया रेस्क्यू टीम का मनोबल

🔘 रतिया फॉर्म में फंसे 11 लोगो का एनडीआरएफ टीम ने किया रेस्क्यू, बाहर निकलने पर सभी ने टीम का जताया आभार

लखीमपुर खीरी 09 जुलाई। मंगलवार को तहसील निघासन की ग्राम पंचायत मुर्गहा के रतिया फॉर्म में विषम परिस्थितियों में फंसे 11 लोगों का प्रशासन कीअगुवाई में एनडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू किया। घटना की सूचना पर जिला मुख्यालय से डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी गणेश प्रसाद साहा रेस्क्यू स्थल के लिए रवाना हुए।

डीएम-एसपी पहले कुछ दूर ट्रैक्टर पर सवार होकर और बाद में एनडीआरएफ की मोटरबोट से रेस्क्यू स्थल जा पहुंचे, जहां ऑपरेशन का जायजा लेकर रेस्क्यू टीम का मनोबल बढ़ाया। डीएम ने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि मा. मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश है कि आपदा से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद की जाए। जन-धन की सुरक्षा शासन की प्राथमिकता है।

डीएम ने राहत व बचाव कार्यों का सघन पर्यवेक्षण कर फील्ड में कार्य कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्य के लिए प्रशासनिक अमले के साथ फ्लड की टीम, पीएसी, एनडीआरएफ और नागरिक सुरक्षा बल के जवानों को लगाया गया है। राहत व बचाव कार्य के संचालन के लिए सुरक्षा बलों के मोटर बोट के अलावा पर्याप्त संख्या में नाव भी लगाई गई है। प्रभावित लोगों
को भोजन इत्यादि की समस्या न हो इसके लिए प्रत्येक तहसील में सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन तैयार कर प्रभावित लोगों को पका पकाया भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

बताते चलें कि सूचना मिलते ही एसडीएम निघासन राजीव निगम ने एनडीआरएफ की टीम बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। एनडीआरएफ व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने 11 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बचाकर परिवार वालों के सुर्पुद किया तथा उनका चिकित्सीय परीक्षण कराये जाने के लिए स्वास्थ्य टीम को निर्देशित किया। एनडीआरएफ टीम कमांडर ने दो मोटर बोट, अपनी टीम के संग रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। तेज बहाव की कठिनाई को पार करते हुए टीम की बोट उन व्यक्तियों के पास पहुंची और उनको बोट में बैठाकर सुरक्षित निकालकर लाई। ऑपरेशन में कुल 11 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया। बाहर निकलने के बाद सभी
ने टीम का आभार व्यक्त किया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उप जिलाधिकारी राजीव निगम के साथ लेखपाल, ग्राम प्रधान तथा प्रशासन के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

🔘 प्रशासनिक सूझबूझ से बची परशुराम की जिंदगी, तैराक ने बचाई जान

सोमवार शाम पलिया तहसील क्षेत्र सहकारी चीनी मिल संपूर्ण नगर कार्मिक परशुराम चीनी मिल से जैसे ही बाहर निकला। अचानक तेज बहाव में बहकर पेड़ में जाकर फस गया। इसकी सूचना पर एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने क्षेत्रीय लेखपाल सहित राजस्व टीम को लगाया। लेखपाल और स्थानीय पुलिस ने सूझबूझ दिखाते हुए तैराक को ट्यूब में बांधकर उसको बचाने के लिए भेजा। तैराक ने बहादुरी दिखाते हुए परशुराम की जान बचाई।

🔘 पटिहन के पांच किसानो के लिए मददगार बन प्रशासन, एनडीआरएफ ने किया रेस्क्यू

तहसील पलिया के ग्राम पटिहन में सोमवार को 
पांच व्यक्ति खेत में काम करने गए थे, करीब शाम 05 बजे पानी बढ़ने पर निकटवर्ती झोपड़ी में शरण ली। जलस्तर बढ़ने पर काफी घबरा गए और मदद को लेकर प्रशासन को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसडीएम कार्तिकेय सिंह एनडीआरएफ की टीम लेकर जा पहुंचे, जहां कड़ी मशक्कत के बाद एसडीएम की अगुवाई में पांच व्यक्तियों को रात 12:00 रेस्क्यू किया जा सका। उसके बाद फंसे व्यक्तियों ने राहत की सांस ली, प्रशासन को शुक्रिया भी बोला। एसडीएम ने सभी पांच लोगों को उनके गांव भिजवाया। 

🔘 प्रशासन ने सुभाष नगर से गर्भवती महिला को कराया रेस्क्यू
मंगलवार को तहसील, नगर पालिका परिषद पलिया के सुभाषनगर मोहल्ले में गर्भवती महिला के फंसे होने की सूचना मिली। इसपर क्विक रेस्पॉन्ड करते हुए तहसीलदार आरती यादव ने बाढ़ पीएससी की मदद से बोट के जरिए रेस्क्यू कराया। प्रशासन ने गर्भवती महिला को अस्पताल में दवा दिलाई और उसके रिश्तेदार के घर भिजवाया, जहा वह कुशलता से है।

बाढ़ एवं जल प्लावन की स्थिति के दृष्टिगत....

संवेदनशील ब्लॉकों में स्थापित सभी अस्थाई एवं वृहद् गो-आश्रय स्थलों का हुआ निरीक्षण

पशु चिकित्साधिकारियों ने बीमार, कमजोर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण कर किया उपचार

लखीमपुर खीरी 09 जुलाई। जिले में बाढ़ एवं जल प्लावन की स्थिति के दृष्टिगत डीएम दुर्गा शक्ति पाल के निर्देश पर मंगलवार को संवेदनशील ब्लॉकों में स्थापित सभी अस्थाई एवं वृहद् गो-आश्रय स्थलों का निरीक्षण कराया गया एवं आश्रय स्थलों पर भूसा हरा चारा एवं सम्यक पशु आहार की उपलब्धता को चेक किया गया। पशु चिकित्साधिकारियों एवं उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने गो आश्रय स्थल पर बीमार, कमजोर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार किया गया।

सीवीओ डॉ सोमदेव सिंह ने बताया कि वर्षा के कारण साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए उचित सफाई व्यवस्था कराई गयी, जिससे की कोई भी वेक्टर जनित रोग न हो। सभी गो-आश्रय स्थलो पर संरक्षित गोवंश का गलाघोटू बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण कार्य 02 जून 2024 से चल रहे अभियान के अर्न्तगत सर्वोच्च प्राथमिकता पर कर दिया गया है। ब्लॉक स्तर पर दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गयी। किसी भी आकस्मिकता से निपटनें हेतु पंचायती राज, विकास, राजस्व, नगर विकास एवं पशुपालन विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य कर रहे है। वर्तमान में जिले में 137 गो-आश्रय स्थल संचालित है, जिसमें से 130 अस्थाई 5 वृहद् एवं 02 कान्हा गो - आश्रय स्थल है।

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो हेतु 04 मोबाईल वेटनरी यूनिट जो कि धौरहरा, रमियाबेहड़, पलिया एवं निघासन में स्टेशनड है जो किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए आरक्षित किया गया है। जिले में उपलब्ध बहुउद्देशीय चिकित्सा वाहनों के माध्यम से ग्रामों में बहुउद्देशीय सचल पशुचिकित्सा शिविर एवं टीकाकरण का कार्य सम्पन्न कराया जा रहा है।

बताते चलें कि जनपद के समस्त गो-आश्रय स्थलों पर 34629 गोवंश संरक्षित है। जनपद में भविष्य की चुनौतियों से निपटने हेतु 05 वृहद् गो-आश्रय स्थल निर्माणाधीन है, जिसमें लगभग 2000 गोवंश को संरक्षित किया जा सकेगा। तहसील लखीमपुर के अर्न्तगत निर्माधीन वृहद् गो-आश्रय स्थल कादीपुर का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं लगभग एक माह में कियाशील हो जायेगा। जनपद के 101 गो-आश्रय स्थलों को निकटवर्ती चारागाह भूमि से टैग किया गया है एवं उस पर हरे चारे का उत्पादन किया जाता है, जिससे की गोवंश स्वास्थ्य रहें। मा. मुख्यमंत्री जनसहभागिता योजना के तहत 6318 सहभागियों के 9312 गोवंश को उपरोक्त योजना का लाभ मिल रहा है।

गांव-गांव दस्तक देकर स्वास्थ्य महकमे ने दी जानकारी, बताए बाढ़ से होने वाली समस्याओं, बीमारियों के उपाय

सीएमओ ने साधुवापुर का किया स्थलीय भ्रमण, देखी बाढ़ चौकी

लखीमपुर खीरी 09 जुलाई। जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न टीमों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचकर बाढ़ से होने वाली समस्याओं व बीमारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की प्रत्येक आशा को इमरजेंसी मेडिकल किट दे दी गई है। जिसमे ओआरएस, एंटी पाइरेटिक, एंटी डायरियल, एंटी इमेटिंग, क्लोरीन टेबलेट इत्यादि अन्य औषधियाँ उपलब्ध है। 

बाढ़ से होने वाली बीमारियों से बचाव के दृष्टिगत विभिन्न जनपदीय टीमों के द्वारा इमरजेंसी मेडिकल किट, इत्यादि का वितरण भी किया जा रहा है। इसके अलावा 38 बाढ़ चौकियों पर 30 अधिकारी व 117 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया। जिनके द्वारा आवश्यकता पड़ने पर प्रभावी क्षेत्र के निवासियों को तत्काल चिकित्सीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। सभी अधीक्षकों को प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर गुणवत्ता परख चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बाढ़ प्रभावी क्षेत्रों में एक कन्ट्रोल रूम जिला स्तर पर स्थापित किया गया है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हेतु सघन पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण हेतु डा० एस०पी० मिश्रा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी खीरी तथा डा धनीराम, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नोडल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० एसपी मिश्रा के साथ प्रभावित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षकों से जूम मीटिंग के माध्यम से बाढ़ ग्रस्त इलाके में चिकित्सीय सुविधाओं का अनुश्रवण किया गया। 

🔘 सीएमओ ने साधुवापुर का किया स्थलीय भ्रमण, देखी बाढ़ चौकी

इसके अलावा सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने विकासखंड ईसानगर के ग्राम साधुवापुर में
स्थलीय भ्रमण किया। जिसमे बाढ़ के कटानग्रस्त ग्राम चकदहा को भेजे जाने वाली राहत सामग्री के साथ आवश्यक औषधियों व ओआरएस इत्यादि को नाव के माध्यम से कर्मचारियों के साथ भेजी गयी तथा ग्राम में स्थापित बाढ़ चौकी का भी निरीक्षण किया।


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