रविवार, 21 जुलाई 2024

उमसभरी गर्मी में खान-पान का रखें खास ख्याल, स्पर्श-ध्यान को भी रूटीन में करें शामिल; जानिए डॉ रेखा सिंह क्या कहती हैं

उमसभरी गर्मी में खान-पान का रखें खास ख्याल, स्पर्श-ध्यान को भी रूटीन में करें शामिल; जानिए डॉ रेखा सिंह क्या कहती हैं 


प्रयागराज। गर्मी और वर्षा ऋतु के उमस भरे मौसम में तली और मसालेदार खाने से शरीर में फैट और पित्त बढ़ता है l बारिश में मशरूम और हरी पत्तेदार सब्जियां भी खाने से बचना चाहिए इन मौसम में ताजा और गर्म सुपाच्य भोजन करना लाभकारी होता है lखाने में गेहूं चावल मक्का सरसों खीरा ककड़ी दही खिचड़ी मूंग अरहर की दाल, सब्जियों में लौकी नेनुआ करेला परवल कद्दू नींबू , मसालों में अदरक दालचीनी काली मिर्च इलायची लौंग तुलसी, फलों में  सेब जामुन लीची आलू बुखारा पपीता नाशपाती अनार आदि खाना बेहतर होगा lडॉ रेखा सिंह ने कहा कि बदलते मौसम गर्मी और वर्षा ऋतु में उमस से सतर्क रहें। शरीर में पानी की कमी ना हो इसके लिए पानी पीते रहे l सीजन के फलों का सेवन करें वर्षा ऋतु में स्पर्श-ध्यान को अपनाएं l स्पर्श ध्यान करने का शरीर पर विशेष प्रभाव पड़ता है इससे शारीरिक व मानसिक लाभ होता है lयह यहां की अति प्राचीन विद्या है जो हमारे ऋषि मुनि स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए सदा उपयोग करते थे l तनाव और डिप्रेशन से बचने और खुद को अंदर से मजबूत बनाने और मन को शांत रखने की यह अद्भुत शक्तिशाली क्रिया है l डॉ रेखा सिंह ने कहा कि अच्छा भोजन तो सभी लोग कर रहे हैं सिर्फ अच्छे खान-पान से स्वस्थ नहीं रह सकते, स्वस्थ रहने के लिए पूरी जीवन शैली को अर्थात समुचित खानपान, योगा और स्पर्श-ध्यान को भी शामिल करना होगा तभी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होगी और हम स्वस्थ रहेंगे lडॉ रेखा सिंह ने कहा जीवन शैली से संबंधित अनेक समस्याओं की जड़ असंतुलित लाइफ-स्टाइल है वर्तमान में लोगों के अंदर भौतिक क्षेत्र में आगे बढ़ने की होड़ अनियमित खानपान और प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन करने के कारण लोगों में ठीक से नींद ना आने की समस्याएं बढ़ रही है।सभी लोगों को स्पर्श ध्यान अपनाने की जरूरत
लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं और यही बड़ी-बड़ी बीमारियों का कारण बन रही है। अगर बिना पैसा खर्च किए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बिना औषधि खिलाए रोगों का सरल इलाज स्पर्श-ध्यान में है तो सभी लोगों को स्पर्श चिकित्सा की इस विधि (स्पर्श-ध्यान)  को अपनाने की जरूरत है l 
डॉ रेखा सिंह ने कहा स्पर्श ध्यान यहां की प्रसिद्ध और अति प्राचीन विद्या है यदि संभव हो तो भारत सरकार को मन को स्वस्थ, मजबूत और शक्तिशाली बनाने  वाली इस पद्धति का परीक्षण करना चाहिए और सफलता मिलने पर इसकी विशेषताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इसे आयुष में शामिल करना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सके l

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