ऐसा घूसखोर लेखपाल जिसने मंदिर को भी नहीं छोड़ा, मुआवजे की फाइल आगे बढ़ाने के लिए 5 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
मुहम्मदाबाद। इन दिनों आम जनता के जागरूक होने का लाभ न सिर्फ जनता को मिल रहा है, बल्कि सरकारी विभागों में नौकरी के साथ ही रिश्वतखोरी करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले भ्रष्टाचारियों की भी धर पकड़ हो जा रही है। बीते कुछ दिनों में गाजीपुर में घूस लेते हुए रंगेहाथ सरकारी कर्मियों के पकड़े जाने के लगातार मामले सामने आए हैं। इसी तरह मुहम्मदाबाद तहसील में एक बार फिर से एक लेखपाल को एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उक्त घूसखोर लेखपाल ने एक्सप्रेस-वे में जमीन जाने पर उसके मुआवजे की फाइल को आगे बढ़ाने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। लेखपाल सुरेंद्र सिंह यादव मुहम्मदाबाद तहसील में बतौर रिकार्ड कीपर तैनात है। करीमुद्दीनपुर गांव में चित्रगुप्त मंदिर है। उक्त चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गांव निवासी शिवकुमार सिन्हा हैं। उन्होंने बताया कि उक्त मंदिर की कुछ जमीन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे में चली गई है। जिसके चलते उसके मुआवजे की कीमत करीब 27 लाख रूपए है। ऐसे में उक्त जमीन की फाइल तहसील में रूक गई और जब शिवकुमार ने उस फाइल को आगे बढ़ाने को कहा तो लेखपाल सुरेंद्र सिंह यादव ने 5 हजार रूपए घूस की मांग की। इस मांग पर जागरूक शिवकुमार ने वाराणसी की एंटी करप्शन टीम से संपर्क कर पूरी सूचना दी। जिसके बाद टीम ने जाल बिछाते हुए शिवकुमार को केमिकल लगे नोट दिए और तहसील परिसर में जैसे ही लेखपाल ने शिवकुमार से रूपए लिए, सादे कपड़ों में मौजूद टीम ने उसे धर दबोचा। इसके बाद वहां की तलाशी ली तो एक अन्य पैकेट से भी 19 हजार रूपए नकद बरामद हुए, जिसका वास्तविक स्त्रोत लेखपाल नहीं बता पाया। इसके बाद उसका हाथ धुलाया गया तो हाथ लाल हो गया। जिसके बाद उसे थाने ले जाया गया और मुकदमा दर्ज कराया गया। इधर घूसखोर लेखपाल के पकड़े जाने के बाद तहसील में आए फरियादी सहित साथी लेखपालों की भी भीड़ जुट गई थी और लोग घूसखोर लेखपाल को कोस रहे थे। टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर सहबीर सिंह सहित नीरज सिंह, प्रमोद कुमार, मैनेजर सिंह आदि रहे।
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