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शनिवार, 22 जून 2024

हृदयगति रूकने से नायब सूबेदार का निधन, चकेरी से गगनभेदी नारों के साथ निकली अंतिम यात्रा

हृदयगति रूकने से नायब सूबेदार का निधन, चकेरी से गगनभेदी नारों के साथ निकली अंतिम यात्रा, सैनिक सम्मान से पंचतत्व में विलीन

करंडा। क्षेत्र के जेवल स्थित चकेरी गांव निवासी नायब सूबेदार का ड्यूटी के दौरान हृदयगति रूकने से निधन हो गया। जिसके बाद पूरे क्षेत्र में शोक फैल गया। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को घर आते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं परिजनों में कोहराम मच गया। सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव निवासी 54 वर्षीय सुरेंद्र सिंह यादव पुत्र गया सिंह यादव मध्य प्रदेश के जबलपुर में ड्यूटी करते थे। बीते कुछ दिनों पूर्व उनके घर में शादी होने के दौरान वो शामिल होने के लिए छुट्टी होने आए थे। उनकी पत्नी ने बिलखते हुए बताया कि उनकी मौत के पूर्व उनसे बात हुई तो उन्होंने कहा कि पूरा शरीर दर्द कर रहा है और सीने में दर्द हो रहा है। जिसके बाद दवा लेने के लिए पत्नी ने कहा। इसके बाद उनका फोन नहीं आया। बाद में पता चला कि उनका निधन हो गया है। घटना का पता चलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं गांव में शोक की लहर दौड़ गई। उनके घर पर गांव के लोग जुट गए। जिसके बाद सैनिक सम्मान के साथ उनका पार्थिव शरीर आया और काफी देर तक घर में ही अंतिम दर्शन के लिए रखा गया और फिर शवयात्रा निकाली गई। जिसमें सैकड़ों की संख्या में युवा बाइक लेकर व पैदल शामिल थे और भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा, सुरेंद्र का नाम रहेगा, के नारे लगाते हुए तिरंगा लहराते चल रहे थे। श्मशान घाट पर सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके साथ अंतिम विदाई देने के लिए वाराणसी की कंपनी से जवान साथ आए थे। स्व. सुरेंद्र अपने पीछे एक पुत्र देवेंद्र सिंह यादव हैं और पिता की राह पर चलते हुए वो भी देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात है। वहीं उनकी दो पुत्रियां भी हैं। पत्नी सहित बूढ़ी मां आदि का भी रो-रोकर बुरा हाल है।इसी क्रम में बाघी गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान सुभाष यादव का भी ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। उनका भी पार्थिव शरीर आने पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर रही। युवाओं ने तिरंगा संग यात्रा निकालकर उन्हें अंतिम विदाई दी। घाट पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

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