18 जून, लखीमपुर-खीरी। गोला रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ के आचार्य भवन सभागार में योग सप्ताह के अन्तर्गत आधुनिक जीवनशैली में महिलाओं के लिए योग का महत्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ० हरबंस कुमार, विशिष्ट अतिथि डॉ० आकांक्षा तिवारी एवं आंगनबाड़ी सुपरवाइजर नागमणि मिश्रा तथा मीना पाल जी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ० आकांक्षा तिवारी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संगोष्ठी में संबोधित करते हुए कहा कि आपके माध्यम से समाज को योगाभ्यास के प्रेरित करना बहुत ही आवश्यक है आप एक ऐसी कड़ी है जो महिला स्वास्थ्य संवर्धन हेतु कार्यरत हैं, आप स्वयं नियमित रुप से योगासनों एवं प्राणायाम के अभ्यासों को अपनाएं एवं अपने आस-पास एवं केंद्र पर आने वाली महिलाओं को उनके तनाव, रक्त संचार सहित शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य योगाभ्यास हेतु प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि नए रूटीन को शुरू करने से पहले योग्य योग प्रशिक्षक से परामर्श करना बहुत महत्वपूर्ण है।
संगोष्ठी में योग थैरेपिस्ट प्रिंस रंजन बरनवाल ने आधुनिक जीवनशैली में महिलाओं के जीवन में योग की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि आजकल महिलाओं में उच्च रक्तचाप, सर्वाइकल, कमर दर्द, फ्रोजन शोल्डर, अनियमित मासिक धर्म, थॉयराइड, ऑस्टियो-अर्थराइटिस, माइग्रेन, यूटीआई, स्ट्रेस, एंजाइटी, डिप्रेशन, कब्ज जैसी बीमारियां आम है, ये सभी बीमारियां लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के कारण होती है। नियमित दिनचर्या में योगाभ्यास, उचित खान-पान एवं सकारात्मक विचार विनिमय द्वारा आधुनिक समय में स्वयं स्वस्थ रखना आसान है।
योग प्रशिक्षक सुमन राजपूत, रुचि शुक्ला एवं प्रगति बरनवाल की टोली ने महिलाओं के जीवन में उपयोगी सूक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, त्रिकोणासन, मार्जरी आसन, मलासन, बज्रासन, उत्तानमण्डूकासन, शशकासन, भद्रासन, तितली चालन के साथ नाड़ी शोधन, भ्रामरी, उद्गीथ, शीतली प्राणायाम और योगनिद्रा आदि योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास कराया।
इस संगोष्ठी में योग प्रशिक्षक अल्का शुक्ला, योग सहायक दीक्षा कुमारी, अश्विन राजपूत, अमूलदीप, अशोका, राजकुमारी तिवारी, शशि कुमारी, रचना शुक्ला, पूनम सहित 100 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
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