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रविवार, 23 जून 2024

सिस्टम से हारी, फिरती रही मारी-मारी, सुसाइड नोट में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की छात्रा संजना ने लिखा दर्द कि ....

सिस्टम से हारी,फिरती रही मारी-मारी,सुसाइड नोट में संजना ने लिखा दर्द - मैंने बहुत मेहनत की,लेकिन अफसर झूठ बोलते रहे

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की छात्रा 18 वर्षीय संजना कुशवाहा की आत्महत्या से सिस्टम की बड़ी खामी उजागर हुई है।छात्रवृत्ति पाने के लिए संजना बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से लेकर समाज कल्याण विभाग तक का चक्कर काटती रही, लेकिन हर जगह से उसे निराशा ही मिली।किसी ने भी आगे बढ़कर संजना की मदद करने की कोशिश नहीं की।हताश होकर संजना ने गुरुवार रात घर के बाहर जामुन के पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी।पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें संजना ने स्कॉलरशिप न मिलने से परेशान होने की बात लिखी है।संजना के सुसाइड नोट से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, जिसमें संजना ने लिखा है कि मैंने बहुत मेहनत की,लेकिन अफसर झूठ बोलते रहे।संजना ने सुसाइड नोट में अपना दर्द साझा करते हुए लिखा कि मैं यह नोट इसलिए लिख रही हूं ताकि पता चल सके कि मैंने यह कदम क्यों उठाया। मेरी छात्रवृति 28 हजार रुपये आनी थी,मगर नहीं आई। कॉलेज में सबकी आ चुकी है। इसके लिए विकास भवन तक हो आई। उन्होंने बोला तुम्हारे आधार कार्ड की फीडिंग नहीं है।बैंक जाने पर मालूम चला कि आधार फीडिंग पहले से ही हो चुकी। दो माह में स्कॉलरशिप आने की बात कही गई। मैं विकास भवन मम्मी के साथ गई। उनकी तबीयत खराब थी, लेकिन मैं उन्हें लेकर गई। हमें अंदर से घुटन होने लगी। हमने बहुत मेहनत की थी। हो सके तो माफ कर देना, इस कदम के लिए।
छात्रवृत्ति न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या करने वाली संजना पढ़ाई में मेधावी थी। परिजनों का कहना है कि संजना पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी तेज थी।वह एनसीसी कैडेट थी और पुलिस में भर्ती होना चाहती थी। इसके लिए वह मेहनत भी खूब कर रही थी। उसे छात्रवृत्ति से आस थी कि इसकी बदौलत वह पढ़ाई आगे जारी रख सकेगी,लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन और समाज कल्याण विभाग के अफसर छात्रवृत्ति के लिए संजना से लगातार झूठ बोल रहे थे।छात्रा संजना कुशवाहा की छात्रवृत्ति विभाग अथवा निदेशालय स्तर से नहीं रोकी गई है। छात्रा ने ऑनलाइन स्वयं डिटेल भरी है। कॉलेज स्तर से चेक होने के बाद फार्म उच्च शिक्षाधिकारी कार्यालय अग्रसारित हुआ। जिला छात्रवृत्ति कमेटी ने समयावधि में अनुमोदन करके अग्रसारित कर दिया। निदेशालय ने छात्रवृत्ति की धनराशि बैंक में भेज दी।छात्रवृत्ति पीएफएमएस व एनपीसीआई सर्वर से होते हुए छात्रा के खाते में जानी थी। एनपीसीआई सर्वर ने छात्रा के खाते से आधार डी-फीड बताते हुए ट्रांजेक्शन फेल कर दिया। नियमानुसार 31 मार्च को छात्रा के खाते में न पहुंचने पर छात्रवृत्ति निदेशालय वापस हो गई। - केपी सिंह, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी छात्र का विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग से फार्म फारवर्ड कर दिया गया था। नोडल अधिकारी द्वारा भी सत्यापन कर दिया गया था। आवेदन समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर चला गया था। वहां से भी कोई आपत्ति नहीं आई थी। इसके अलावा छात्रवृत्ति को लेकर छात्रा की ओर से भी कभी कोई आपत्ति दर्ज नहीं गई। इसकी पूरी जांच करा ली गई है। - विनय कुमार सिंह, कुलसचिव संजना कुशवाहा खेलकूद में अव्वल थी।संजना ने बड़ागांव इंटर कॉलेज की ओर से पिछले साल प्रदेशीय माध्यमिक एथलेटिक्स भाला फेंक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। प्रदेश स्तरीय इस प्रतियोगिता में संजना ने तीसरा स्थान भी हासिल किया था। संजना अक्सर हर खेल प्रतियोगिता में आगे रहती थी। संजना के विशेष प्रदर्शन से विद्यालय उसे पांच हजार रुपये से पुरस्कृत भी कर चुका है।

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