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शनिवार, 1 जून 2024

भूख से व्याकुल लोगो को भोजन उपलब्ध कराना सराहनीय और महान कार्य -प्राचार्य

 
सुल्तानपुर राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ के सदस्यों ने शाम जरुरतमंदों की सेवा भाव का गजब का उत्साह दिखा ।  मौसम अनुकूल न होने पर भी  प्रचंड गर्मी में भी स्वशाषी राज्य मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के सामने और रेलवेस्टेशन के मुख्य गेट के सामने निशुल्क भोजन मरीज और तीमारदारों और यात्रियों को उपलब्ध कराया।
स्वाशाषी राज्य मेडिकल कॉलेज में साप्ताहिक निशुल्क रसोईया का संचालन राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ  के अध्यक्ष मेराज अहमद खान के संयोजन में 15 माह से संचालित हो रहा है। मौसम की परिस्थितियों चाहे जो हो संस्था के सदस्य अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। गुरुवार को 48 ℃ तापमान में इस भीषण झुलसा देने वाली गर्मी में सैकड़ो लोगो के लिए भोजन तैयार करना उसके बाद मेडिकल कालेज और रेलवे स्टेशन पर स्टाल लगाकर वितरित करने में 11 बजे रात तक संघ के कार्यकर्ता डटे रहते है। मेडिकल कॉलेज में केन्द्रीय विद्यालय अमहट के प्राचार्य डॉ के पी यादव ने निःशुल्क भोजन की थाली जरूरतमन्दों को   परोस कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अन्नदान -महादान है भूख से व्याकुल लोगो को भोजन उपलब्ध कराना निश्चित रूप से सराहनीय और महान कार्य है। उन्होंने संघ के रसोई के कोष के लिए 1000 रुपये की आर्थिक सहयोग प्रदान किया।उधर रेलवे स्टेशन पर सुल्तानपुर के पूर्व आर पी एफ प्रभारी मनोज वर्मा ने मुफ़्त भोजन की थाली देकर शुभारंभ किया। उसके बाद  सेवा भाव को लेकर गजब का उत्साह रहा। रात 8: बजे के करीब स्टॉल लगाकर स्वशाषी राज्य मेडिकल कॉलेज में 296 और रेलवे स्टेशन पर 132 कुल 428 लोगों को निशुल्क रसोईया से रोटी , चावल, सब्जी,दाल थाली में भोजन परोसकर जरूरत मंदों को वितरित किया। संस्था के अच्छे कार्यो की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ के मार्गदर्शक निज़ाम खान ने दानी सज्जनों का आभार प्रकट किया जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम सन्चालित किया जा रहा है।
 इनका रहा महत्वपूर्ण योगदान प्रदीप श्रीवास्तव,जी आर पी सिपाही दिनेश मौर्य ,सत्य प्रकाश वर्मा,डाक्टर शादाब खान,सिंकन्दर वर्मा, जितेंद मौर्य,सरदार गुरुप्रीत सिंह, हाजी मुज़तबा अंसारी, राशिद वर्दी टेलर, राशिद मास्टर,मुहम्मद आसिफ ,अरशद खान,माता प्रसाद जायसवाल,आदिल इंजीनियर दानिश खान,सुफियान खान,सुल्तान महमूद कैफ़ी,भोलू खान, चुन्ने ,बैद्यनाथ कश्यप आदि का प्रमुख सहयोग रहा।

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