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गुरुवार, 27 जून 2024

बांकेगंज ( खीरी ) / अपनी ही जमीन पर कब्जा करने को चक्कर लगा रहे किसान, एसडीएम के आदेश के बावजूद नहीं मिल रहा कब्जा।

अपनी ही जमीन पर कब्जा करने को चक्कर लगा रहे किसान
    * उप जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद अपनी ही जमीन पर नहीं मिल रहा कब्जा।
  

 जिसकी गांठ में पैसा और हाथों में मजबूत लाठी उसकी जमीन जैसा असभ्य जमाने का कानून गोला तहसील में आज भी लागू रहता है। उप जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद अपनी जमीन पर ही कब्जा लेने के लिए पीड़ित कानूनगो, लेखपाल और उप जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं। 
        मामला विकासखंड बांकेगंज के ग्रंट नम्बर 11 के गाटा संख्या 2581, 2582 और 2583 का है। सन्तोष कुमार कुलश्रेष्ठ ने कई वर्ष पूर्व गाटा संख्या 2582 में 3.5 बीघा जमीन खरीदी थी जिसका कुल रकबा सात बीघा है। शेष आधी जमीन एक महिला सुवर्ण कौर ने खरीदी थी। मौके पर जमीन पूरी होने के बावजूद चकबंदी के दौरान  कर्मचारियों ने अपने नक्शे में जमीन कम होने की बात कही। जब संतोष कुमार कुलश्रेष्ठ को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने तत्कालीन कानूनगो और लेखपाल के परामर्श के अनुसार 24 एक के तहत मेड़बंदी का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा 2 वर्ष तक चला किस दौरान खेत भी खाली रहा। मुकदमे बाजी में पैसा और समय दोनों गया। उसके बाद उप जिलाधिकारी ने मेड़बंदी कराने के निर्देश दिए। इस बीच लेखपाल और कानूनगो ने कई जमीन की पैमाइश कराई।
    गाटा संख्या 2581 के मालिक रामदीन का रकबा पूरा करने के लिए लेखपाल व कानूनगो ने 2582 के मालिक संतोष कुमार कुलश्रेष्ठ की भूमि में उनसे यह कहते हुए नाप दी कि आपकी जमीन 2582 के दूसरे भाग में नाप कर पूरी करा दी जायेगी तथा उनकी जमीन को 2583 की मालकिन पूजा चौधरी की जमीन में नाप पूरी कर दी जाएगी क्योंकि 2583 का रकबा अधिक है। इस पर संतोष कुमार कुलश्रेष्ठ ने अपनी भूमि पर रामदीन को कब्जा कर लेने दिया। संतोष कुमार के मुताबिक इस बीच लेखपाल ने गाटा संख्या 2583 में भूमि अधिक होने के बावजूद पक्के पिलर गड़वा कर कब्जा करा दिया। अब महिला आने वाली समस्याओं को देखते हुए 2583 में जाने को तैयार नहीं है। जितनी बार लेखपाल और कानूनगो मौके पर पहुंचकर मेरे खेत की मेड़बंदी कराते हैं महिला अगले दिन पहुंचकर धमकी देते हुए मेड़ जुतवा देती है। इससे परेशान होकर संतोष कुमार ने उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है। संतोष कुमार कहते हैं कि उप जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद यदि जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है तो कष्ट होता है। 
   यह कोई पहला मामला नहीं है गुलाबनगर के इमरान भी इसी तरह उप जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद दो महीने से अपनी ही जमीन पर कब्जा करने के लिए लेखपाल, कानूनगो और पुलिस के पास चक्कर लगा रहे हैं। जहां जरूरी समझते है सुविधा शुल्क भी देते हैं। उसके बावजूद कब्जा नहीं मिल पा रहा है।
     कानूनगो प्रेम सिंह ने बताया कि एसडीएम द्वारा दिए गए निर्देश के बाद जब मेड़बंदी कराई जाती है और पक्षकार उसे नहीं मानते हैं तो पुलिस बल का सहारा लेकर उसका अनुपालन कराया जाता है। फिर भी यदि दूसरा पक्ष सहमत नहीं है तो वह मुकदमा कर सकता है।

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