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रविवार, 16 जून 2024

मादरे-वतन के लिए मर मिटने वाले सपूत मौलवी लियाकत अली को किया गया याद

मादरे-वतन के लिए मर मिटने वाले अपने सपूत मौलवी लियाकत अली को नागरिक समाज, इलाहाबाद ने याद किया 

प्रयागराज नागरिक समाज के क्रांतिकारी साथियों ने 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष के इलाहाबाद के महानायक मौलवी लियाकत अली स्मृति दिवस पर उन्हें याद किया।  इस अवसर पर प्रचंड गर्मी के बीच चौक स्थित ऐतिहासिक नीम के पेड़ के पास नागरिक समाज के जुझारू साथियों ने पहुंचकर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया तथा उसी क्रम में मौलवी लियाकत अली पर तैयार किये गये पर्चे को वितरण किया गया।इस अवसर पर नागरिक समाज के साथियों ने एक छोटी सी सभा करते हुए बताया कि 7 जून से 16 जून 1857 तक इलाहाबाद अंग्रेजों के कब्जे से मौलवी लियाकत अली के नेतृत्व में आजाद कर दिया गया था।
आज भी हमें अनगिनत लियाकत अली की आवश्यकता है, जो देश से सांप्रदायिकता और बहुराष्ट्रीय कंपनी के कब्जे से भारत को मुक्त कराएं। वक्ताओं ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में जिस प्रकार भारत को धर्म के आधार पर बांटा गया है, वैसे स्थिति में अपने मादरे-वतन के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारी साथियों के बारे में देश को बताने की आवश्यकता है। साथियों के द्वारा ऐतिहासिक नीम के पेड़ को भी रेखांकित करते हुए कहा गया कि  1857 के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान इस नीम के पेड़ पर हमारे वीर शहीदों को फांसी पर लटकाया गया।
वक्ताओं के द्वारा दुख प्रकट किया गया कि आजादी के हमारे नायको के ऐतिहासिक स्थलों के प्रति सरकार उदासीन है। हमें इन धरोहरों को संभाल कर रखना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी इनके पदचिन्हों पर चल सके।
इसी क्रम में पर्चा वितरण के दौरान साथियों के द्वारा पर्चा लेने वाले आवाम से यह भी आग्रह किया जा रहा था कि मौलवी लियाकत अली के बारे में अपने बच्चों को भी बताएं।इस अवसर विनोद कुमार तिवारी, आनंद मालवीय, गायत्री गांगुली, अंशु मालवीय, असरार अहमद नियाजी, कमल उसरी, विभूति विक्रम सिंह, सत्येंद्र सिंह, मोहम्मद साहाब हनीफी, मोइन हबीबी, राजकुमार जी, दिनेश यादव, राजकुमार पथिक तथा अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के अन्य साथी, मनीष सिन्हा सहित आसपास के नागरिक भी उपस्थित थे।

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