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रविवार, 23 जून 2024

ABKM के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने डॉ0 अनूप श्रीवास्तव एवं राष्ट्रीय महामंत्री डॉ0 अशोक श्रीवास्तव

दिल्ली। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में चल रहा पशोपेश तथा निष्क्रियता आखिर समाप्त हो गया। पुरानी टीम की निष्क्रियता के चलते महासभा मृत प्राया हो गई थी, अतः दिल्ली में अखिल भारतीय का इस महासभा के मुख्य संरक्षक ए0सी0 भटनागर की अध्यक्षता में एक आपात बैठक हुई जिसमें दिल्ली प्रदेश एबीकेएम के अध्यक्ष डी के सक्सेना ,राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष महेंद्र सक्सेना, राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव, चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर सच्चिदानंद पशुपति , अशोक श्रीवास्तव , संदीप सक्सेना , आर के गौर , राहुल राज कुलश्रेष्ठ, राकेश सहाय , अनिल सक्सेना , धीरज श्रीवास्तव तथा देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए अन्य तमाम सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया l अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में नए प्राण फूंकने के लिए पूर्व प्रधान आयुक्त जीएसटी तथा सीमा शुल्क भारत सरकार डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया तथा डॉ0 अशोक श्रीवास्तव जो कई वर्षों तक एबीकेएम के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं राष्ट्रीय महासचिव के रूप में पुनर्नियुक्त किया गया। डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव कायस्थ समाज के लिए काफी वर्षों से संघर्षरत  है और उनकी आवाज बनकर उभरे है, डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव का नाम तब प्रमुखता से उभर कर आया जब उन्होंने पांच राज्यों में कायस्थ एकता यात्रा और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था, डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव ने एक राजनीतिक दल राष्ट्रवादी विकास पार्टी की भी स्थापना की जिसमें उन्होंने कायस्थों को प्रमुख स्थान दिया है। डॉ श्रीवास्तव श्री चित्रगुप्त पीठ वृंदावन की भी नीव रखवाई। वह इसके संरक्षक भी है तथा अंतर्राष्ट्रीय के संघ के राष्ट्रीय संयोजक है। डॉक्टर श्रीवास्तव ऑल इंडिया आईआरएस असोसिएशन के 3 बार अध्यक्ष रहे हैं तथा कनफेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशंस के भी दो बार संयोजक रहे हैं ।
डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का अध्यक्ष मनोनीत किए जाने से पूरे कायस्थ समाज में खुशी की  लहर है, और लोग उनको बधाइयां दे रहे है।
डॉ अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि यह बहुत ही चिंता का विषय है कि वर्तमान में राजनीतिक रूप से कायस्थ समाज लगभग शून्य पर आ गया है तथा आर्थिक और सामाजिक रूप से कायस्थ समाज बहुत अधिक कमजोर हो रहा है जिसके कारण कायस्थ समाज बहुत पीछे हो गया हैl
इसको आगे लाने के लिए समाज के सभी संगठन को मिलकर कार्य करना होगा l इसके लिए बड़े आंदोलन की आवश्यकता हैl जिससे हम लोग सामाजिक रूप से अपना अधिकार पा सके l
 कायस्थ समाज में बेरोजगारी चरम सीमा पर बढ़ रही है, लेकिन हम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हैं l
वर्तमान में देश की राजनीति जाति - धर्म पर आकर रुक गई है l ऐसे में अपने वर्चस्व  को क़ायम करना होगा तथा हम सब लोगों को मिलकर काम करना होगा। कायस्थ समाज के सभी सदस्य भगवान चित्रगुप्त जी के वंशज है, यह जाति नहीं एक वंशावली है जिसने बिना किसी भेदभाव के संपूर्ण मानव समाज को एक करने का कार्य किया है परंतु आज यह चित्रांश समाज बहुत पीछे गया है इसलिए हमें भी जन आंदोलन द्वारा अन्य जाति की तरह एक होना होगा तभी हम अपने हक की लड़ाई लड़ सकते हैं l हर क्षेत्र में हमें एक दूसरे के सहयोग की आवश्यकता है हमें कायस्थ बंधुओ को मजबूत करते हुए अपने समाज का पुनरुत्थान करना है l

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