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शनिवार, 11 मई 2024

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लखीमपुर। खीरी का दिल सुरक्षित रखने के लिए नाकाफी है सिर्फ ह्रदय रोग विशेषज्ञ। ह्रदय सुरक्षित रखने के लिए कार्डियोलोजिस्ट के साथ साथ ह्रदय जांच एवं उपचार के संसाधन भी बेहद जरूरी हैं।
इधर कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रहे ह्रदयाघात के मामलों के बाद भी अब तक खीरी जनपद में ह्रदय के सम्पूर्ण जांच एवं इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। जनपदवासियों को आज भी ह्रदय को स्वस्थ्य रखने के लिए बड़े व विकसित शहरों का सहारा लेना पड़ता है। हालांकि बीच बीच मे विशेष मौकों पर मांग जरूर उठती है लेकिन वह समय के साथ कार्डियोलोजिस्ट नियुक्ति तक ही सिमट जाती है।
उल्लेखनीय है कि समूचे जनपद में गिनती के कार्डियो जानकार एवं विशेषज्ञ जरूर होंगे लेकिन ऐसा लगता है वह सरकारी तंत्र में जाना नही चाहते अब इसका कारण कुछ भी हो सकता है। इन सब के परे अगर कोई कार्डियोलोजिस्ट खीरी जनपद के मुख्यालय लखीमपुर आ भी जाय तो सिर्फ वह परामर्श ही दे सकता है क्योंकि करने के लिए यहां ईसीजी, इको, टीएमटी, कैथलैब की व्यवस्था है ही नही, जिससे वह रोग का कारण जानकर निवारण कर सके। येन केन प्रकारेण अगर कार्डियोलोजिस्ट ह्रदय रोग का कारण जान भी गया तो सीटीवीएस ओ0 टी0, सम्बंधित सर्जन, आवश्यक दवाएं आदि भी नही जिससे रोग का निवारण कर सके। 5 सेकेंड में 6 बार धड़कने वाला दिल, अस्वस्थ्य होने के बाद इतना समय नही देता है कि 3 से 4 घण्टे दूर बड़े व विकसित शहर में जांच करवाकर स्वस्थ्य हो सके उस समय बस ईश्वर ही सहारा होता है। बताते चलें रिकॉर्ड के मुताबिक खीरी जिला अस्पताल में कार्डियो. प्राथमिक उपचारक हैं लेकिन जांच व उपचार की सम्पूर्ण व्यवस्था न होने से ह्रदय रोगियों को विकसित जगहों पर इलाज के लिए आज भी जाना पड़ता है।

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