Breaking

सोमवार, 27 मई 2024

बरेली / लेखिका संघ के तत्वावधान में संपन्न हुई काव्य गोष्ठी


सांझ ढले जब घर लौटे तो खाली हाथ. कबीरा था।

.. ( विज्ञप्ति) बरेली, कल दिनांक 26 मई.को लेखिका संघ के तत्वाधान में अल्पना नारायण. के संयोजन में ग्रीन पार्क में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्था की संरक्षक श्रीमती निर्मला सिंह ने. की औऱ मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि गीतकार कमल सक्सेना रहे। डा किरण कैंथवाल की वाणी वंदना से कवि गोष्ठी का शुभ आरम्भ हुआ।
श्रीमती निर्मला सिंह ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा कि,,,जिंदगी पेड़ की फूलँगी की तरह. होती है कभी ऊपर कभी नीचे होती रहती है। "
वरिष्ठ गीतकार कमल सक्सेना ने अपना गीत पढ़ते हुए कहा कि,,,
" हमने अपने प्रेमग्रन्थ का जब जब सीना चीरा था।
 राधा नाम कहीं न पाया पृष्ठ पृष्ठ पर मीरा था।
भोर भये जब घर से निकले हर सपना इक हीरा था।
 साँझ ढले जब घर लौटे तो खाली हाथ कबीरा था।"
हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने अपनी ग़ज़ल कुछ ऐसे पढ़ी,,,
"तराजू हो न हो रिश्ते निगाहें तोल लेती है।
बिना बोले बहुत बातें निगाहेँ बोल लेती है।
ज़माना नहीँ कोई नहीँ जासूस है इन सा,
छुपा है राज क्या दिल में निगाहेँ खोल लेती हँ।"
कविगोष्ठी में कमल सक्सेना, हिमांशु श्रोतीय निष्पक्ष, अविनाश अग्रवाल, सुशीला धस्माना, मीरा मोहन, अल्पना नारायण, मीना अग्रवाल, चित्रा जौहरी, निर्मला सिंह, किरण कैंथवाल व दीप्ती पांडे आदि ने अपनी कविताएं गीत व गज़लों से वाहवाही लूटी। गोष्ठी का सफल संचालन संस्था की अध्यक्ष दीप्ती पांडे ने किया। अल्पना नारायण ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित क्या वे स्वादिष्ट नाश्ते के लिये आमंत्रित किया। सभी ने अल्पना जी के.उत्तम आतिथ्य की प्रसंशा की।
कमल    सक्सेना    कवि     गीतकार बरेली    

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments