भगवान बदरीविशाल के कपाट भक्तों के लिए खोल दिया गया
बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। सबसे पहले भगवान नारायण के मुख्य अर्चक रावल ईश्वरी प्रसाद नबूरी ने गणेश पूजा एवं द्वार पूजा की । इसके बाद ठीक 6:00 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले।
सबसे पहले मंदिर के मुख्य पुजारी और बड़वा मंदिर के गर्भ ग्रह में प्रवेश हुए ।उसके बाद ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती '१००८' ने भगवान नारायण के दर्शन किया ।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि 6 महीने देवपूजा के बाद आज आदिगुरु शंकराचार्य जी की जयंती के अवसर पर वैशाख शुक्ल पंचमी के दिन बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन आज खुले। उन्होंने कहा की बदरीनारायण के दर्शन करने वाले लोग सौभाग्यशाली हैं, जिन्होंने आज अखंड ज्योति के दर्शन का पुण्य लाभ भी अर्जित किया ।
इससे पहले आज प्रातः 5:00 बजे से ही बदरीनाथ मंदिर परिसर में कपाट खोलने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी 5:40 से वैदिक मंत्रोचार के बीच गणेश पूजा एवं द्वार पूजा की गई । रावल बदरीनाथ द्वारा मुख्यद्वार की सील को खोला गया। टिहरी राजदरबार के प्रतिनिधि कांताप्रसाद नौटियाल ने मंदिर के मुख्यद्वार का ताला खोला ।
इस अवसर पर ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुन्दानन्द ज्योर्तिमठ के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी किरण जानी, चारधाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती, डिमरी केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित महापंचायत की केंद्रीय अध्यक्ष उमेश सती ,ज्योर्तिमठ शंकराचार्य जी के विशेष कार्याधिकारी कैप्टन अरविंद सिंह ,बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मुख्यकार्य अधिकारी योगेंद्र सिंह , मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान वेदपाठी रवि भट्ट आदि उपस्थित रहे ।
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