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रविवार, 26 मई 2024

बलिया से क्या भाजपा लगा पाएगी जीत की हैट्रिक,या सपा-बसपा का ब्राह्मण-यादव फैक्टर बनेगा रोड़ा


बलिया।उत्तर प्रदेश की सियासत में पूर्वांचल अहम रोल निभाता है।पूर्वांचल का झुकाव जिसकी तरफ हुआ वो लखनऊ में सत्ता के सिंघासन पर बैठा।पूर्वांचल की बलिया लोकसभा में 7वें और अंतिम फेज में 1 जून को वोटिंग होगी।बलिया लोकसभा समाजवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह की सियासी जमीन रही है।चंद्रशेखर सिंह इस लोकसभा से 8 बार सांसद चुने गए थे।लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह लोकसभा सपा से चंद्रशेखर सिंह के बेटे नीरज शेखर सिंह के पास आ गई।लंबे समय से बलिया लोकसभा में जीत का बाट जोह रही भाजपा को 2014 में जीत मिली।मौजूदा समय में यहां से भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद हैं।भाजपा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए ऐड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रखा है।वहीं सपा अपनी खोई हुई सीट को पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में बलिया लोकसभा से नीरज शेखर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।सपा ने सनातन पांडेय को चुनावी मैदान में उतारा हैं।बसपा ने लल्लन सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा है।बलिया लोकसभा से कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।सनातन पांडेय सपा से लगातार दूसरी बार अपने सियासी भाग्य का फैसला करने के लिए चुनावी मैदान में हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त ने सनातन पांडेय को 15,519 वोटों से पराजित किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के आगे बलिया का किला भी ध्वस्त हो गया और भाजपा के भारत सिंह ने सपा के नीरज शेखर सिंह को 1.39 लाख वोटों से पराजित किया था।बलिया लोकसभा में लंबे समय तक समाजवादी नेता चंद्रशेखर सिंह का कब्जा था। चंद्रशेखर के निधन के बाद 2007 में हुए उपचुनाव में उनके बेटे नीरज शेखर सिंह यहां से सपा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी नीरज शेखर ने जीत दर्ज की,लेकिन 2014 के चुनाव में नीरज शेखर मोदी लहर में उड़ गए।भरत सिंह से नीरज शेखर चुनाव हार गए।लोकसभा चुनाव हारने के बाद सपा ने नीरज शेखर को राज्यसभा भेज दिया। 2019 में नीरज शेखर सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और उसी दिन नीरज शेखर भाजपा से राज्यसभा के लिए चुने गए। मौजूदा समय में नीरज शेखर राज्यसभा सांसद हैं। सरयू और गंगा नदी के बीच बागियों की धरती बलिया लोकसभा में पांच विधानसभा सीटें हैं।बलिया नगर, फेफना, बैरिया, जहूराबाद और मोहम्मदाबाद।इनमें तीन पर सपा,एक पर भाजपा और एक सीट पर सुभासपा का कब्जा है।
सपा ने बलिया से सनातन पांडेय को चुनावी मैदान में उतार कर ब्राह्मण वोटरों में सेंध लगाने की कोशिश की है।बसपा ने लल्लन यादव को चुनावी मैदान में उतार कर सपा के परंपरागत यादव वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है।बलिया लोकसभा में सबसे अधिक लगभग 3 लाख ब्राह्मण वोटर हैं। इसके बाद 2.5-2.5 लाख यादव वोटर,राजपूत और दलित आते हैं।मुस्लिम वोटर भी लगभग एक लाख हैं।

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