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बुधवार, 1 मई 2024

मुलायम सिंह यादव की मौत के बाद समाजवादी पार्टी उनकी नीतिओ से भटकी :- अभय सिंह

समाजवादी पार्टी में पवित्र रामचरितमानस जो कि हम सभी लोगों के जीवन की सारी शिक्षा उपलब्ध कराता है ऐसे पवित्र ग्रंथ के पन्ने फाड़ना,मां दुर्गा पर असब्द टिप्पणी करना व हद तो तब हो गई जब हमें अपने पूर्वज प्रभु श्री राम के दर्शन करने के लिए किया गया मना जिससे मन में हुई अपार पीड़ा वही भरे मंच से बताया कि हमारे पिता व हमारी पत्नी बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है और मेरे पिता के आदेश के क्रम में मैं भी आने वाली 4 तारीख को बीजेपी के कुछ नेता के समक्ष आप सभी लोग भगवा गमछा लेकर सनातनी हो जाएगा जहां पर बताते चलें कि अभय सिंह पूर्व में हुए राजसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर चर्चाओं में आये तारुन ब्लाक के सरायशेख महमूद स्थित राम सूचित महाविद्यालय में अपने समर्थकों की भारी भीड़ जुटाकर अपना बर्चस्व बरकरार रक्खा। 
वही सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव ने उनके जेल में रहते हुये समाजवादी पार्टी से उन्हें टिकट दिया था जिसका अहसान मैं और मेरा परिवार कभी नही भुला सकता लेकिन नेता जी की मौत के बाद उनकी नीतियों का पालन पार्टी में नही हो रहा श्री सिंह ने कहा कि नेता जी अपने कार्यकर्ताओं के लिए परछाई की तरह खड़े रहते थे। लेकिन आज समाजवादी पार्टी हमारे किसान,नौजवान व नेता जेल में बंद हैं लेकिन पार्टी उनके लिए कोई लड़ाई नही लड़ रही हैं। 
वही अभय सिंह ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामनाथ कोविंद व द्रोपती मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर दलितों समाज का सम्मान किया है, जिसके लिए मैं मोदी योगी अमितशाह का शुक्र गुजार हूँ। भारतीय जनता पार्टी के विकास कार्यों का गुणगान करते हुए अभय सिंह तरह-तरह की बातें बताएं जहां पूरा स्कूल प्रांगण भारत माता की जय व प्रभु श्री राम के नारों से गुंजमान रहा
वही कार्यक्रम की अध्यक्षता शिव पूजन पाण्डेय व संचालन जमुना वर्मा ने किया। जहां पर कार्यक्रम में मुख्य रूप से शकुंतला निषाद,अनिल भारती,त्रिभुवन प्रजापति,इंद्रजीत यादव,शिवपूजन यादव, राकेश सिंह,राजमणि यादव,पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय प्रताप सिंह,मलखान सिंह,नीरज सिंह,के के सिंह,पिंटू सिंह,भारत वर्मा, कृष्ण कुमार प्रजापति सहित अन्य कार्यकर्ता ने सभा संबोधित किया। जहां पर भारी संख्या में क्षेत्र व विधानसभा वासी रहे मौजूद

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