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गुरुवार, 14 मार्च 2024

CAA : बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना

प्रयागराज CAA कानून बना है पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए जो की पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचारों से परेशान हो कर भारत में चोरी छिपे प्रवेश कर गए तो भारत सरकार ने ऐसे लोगों के लिए जो की पड़ोसी मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यक हैं और वहां प्रातीणित किए
गए और हिंदुस्तान में आ कर शरण ली 31 दिसंबर 2014 से पहले तो ऐसे लोग जो की पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक थे जैसे कि हिंदू,सिख,बौद्ध,जैन,ईसाई इनको हिंदुस्तान अपने यहां की नागरिकता दे रहा है।
लेकिन कुछ राजनेतिक दल भारतीय मुस्लिमो को बरगला कर बहका कर उनको ये समझा रहे हैं की ये कानून मुस्लिमों के खिलाफ है और उनके बहकावे में कम पढ़ा लिखा मुस्लिम समाज धरना प्रदर्शन और विरोध कर रहा है जबकी पढ़ा लिखा मुस्लिम समाज ये बात समझ रहा है कि CAA कानून से मुस्लिमों का कोई आहित नही है लेकिन कम पढ़ा लिखा तबका बहकावे में आकर उत्तेजित हो रहा है जबकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि CAA कानून नागरिकता देने का कानून है इस कानून से किसी भी भारतीय की नागरिकता नही छीनी जायेगी चाहे वो किसी भी धर्म का व्यक्ति हो और जो मुस्लिम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अतरिक्त किसी और मुल्क का नागरिक है तो भारत सरकार उसको भी नागरिकता देगी।
लेकिन इतना समझाने के बाद भी भारतीय मुस्लिम और कुछ राजनेतिक दल CAA का विरोध कर रहे हैं जो की सरासर ग़लत है जो मुस्लिम ये सवाल खड़े कर रहे हैं की इस कानून में मुस्लिमो को क्यूं नहीं शामिल किया जा रहा है तो उनको ये समझना होगा कि जिस प्रकार हम मुस्लिम भारत में अल्पसंख्यक हैं वैसे ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं और मुसलमान बहुसंख्यक हैं इन मुल्को में और वो अपने अपने देशों में खुश हैं लेकिन इन मुल्कों के अल्पसंख्यक वहां पर उत्पीड़ित किए जाने से बहुत परेशान हैं इस लिए वो लोग भारत आ गए और अब भारत सरकार उनको CAA के जरिए भारत की नागरिकता दे रही है जबकि अगर इन मुल्कों के मुस्लिमो को अगर भारत में नागरिकता दी जाती है तो हिंदुस्तान का धार्मिक समीकरण बिगड़ सकता है आप इस तरह से समझिए कि अभी इसराइल और फिलिस्तीन में जंग हुई और इस जंग में काफी फिलिस्तीनियों को जान और माल का नुकसान पहुंचा लेकिन फिलिस्तीन के पड़ोसी मुल्कों ने जो की खुद भी मुस्लिम हैं उन्होंने किसी भी फिलिस्तीनियों को अपनी नागरिकता नहीं दी यहां तक की उनको मानवी सहयता भी उपलब्ध नहीं कराई लेकिन किसी भी भारतीय मुस्लिम ने इन मुल्कों के दूतावास के बाहर धरना प्रदर्शन नही किया ये मुस्लिमों का दोहरा चरित्र समझ से परे है।
बहुत दुर्भाग्य की बात है की कम पढ़ा लिखा भारतीय मुसलमान भारतीय जनता पार्टी को अपना दुश्मन समझता है और विपक्षी दलों के बहकावे में आकर उत्तेजित होकर भारतीय जनता पार्टी से नफरत करता है लेकिन फ्री की योजनाओं का भरपूर लाभ भी प्राप्त करता है और भाजपा को वोट देने से परहेज़ भी करता है जबकि पढ़ा लिखा मुस्लिम समाज भाजपा सरकार की योजनाओं को अपने समाज तक पहुंचते हुए देख कर भारतीय जनता पार्टी की तरफ आकर्षित हुआ है और वो चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी को वोट भी दे रहा है क्योंकि ये साक्षर मुस्लिम है और इसके विपरीत अनपढ़ मुस्लिम समाज कुछ सुनने को तैयार नहीं है और वो सिर्फ मौका परस्त विपक्षी दलों के बहकावे में आकर बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना बना हुआ है।

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