प्रयागराज। उत्तर प्रदेश एटीएस ने प्रयागराज से नक्सली पति-पत्नी को गिरफ्तार किया। कृपाशंकर सिंह और उसकी पत्नी बिंदा सोना उर्फ मंजू उर्फ सुमन को धूमनगंज थाना क्षेत्र से मंगलवार को सुबह 5 बजे पकड़ा गया। दोनों यहां जयंतीपुर स्थित एक घर में किराए पर रह रहे थे। दोनों को पकड़ने के बाद एटीएस उन्हें अपने साथ लखनऊ ले गई। लखनऊ में दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
दोनों पर देश के कई राज्यों में नक्सली घटनाओं के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है। कृपाशंकर और बिंदा सोना सहित अन्य लोगों के खिलाफ एटीएस ने 5 जुलाई, 2019 को मुकदमा दर्ज किया था। दोनों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पदाधिकारी हैं। कृपाशंकर खुद को प्रोफेसर बताकर छात्रों से मिलता था। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसाता था। इसके पहले एटीएस ने दो अन्य आरोपियों मनीष श्रीवास्तव और अमिता श्रीवास्तव को 2019 में ही गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों के पास से मिले मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए कृपाशंकर और और बिंदा के बारे में पता चला था। जिसके बाद से एटीएस कृपाशंकर सिंह और उसकी पत्नी बिंदा सोना उर्फ मंजू की तलाश कर रही थी।कृपाशंकर मूल रूप से कुशीनगर का रहने वाला है। उसने देवरिया पॉलिटेक्निक से पढ़ाई की है। साल 2004 में वह छत्तीसगढ़ के रायपुर में बिनायक सेन और उनकी पत्नी एलीना सेन के एनजीओ "रूपान्तर" से जुड़ कर काम कर रहा था। वहीं उसकी मुलाकात रायपुर की रहने वाली बिंदा सोना उर्फ मंजू से हुई। NGO में काम करने के दौरान दोनों ने शादी कर ली।इसके बाद दोनों प्रतिबंधित नक्सली संगठनसे जुड़ गए। संगठन के निर्देश पर साल 2007-08 में दोनों दिल्ली आ गए। फिर दिल्ली से 2009-10 में देवरिया, कुशीनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, मजदूरों और छात्रों के बीच संगठन का कार्य और माओवादी विचारधारा का प्रचार प्रसार करने लगे कृपाशंकर की पत्नी बिंदा सोना को भी नक्सली गतिविधियों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तार किया गया है।नक्सल गतिविधियों से जुड़े सामान बरामद बिंदा सोना उर्फ मंजू और कृपाशंकर के पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिली हैं। लैपटॉप से मिले दस्तावेजों से यह पता चला कि दोनों नक्सली
संगठन चलाकर देश के खिलाफ साजिश रच रहे
थे।
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