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शनिवार, 2 मार्च 2024

इनकार करने वाले 13 हजार 819 लोगों को जागरूक कर खिलाई गई फाइलेरिया रोधी दवा

प्रयागराज  फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध स्वास्थ्य महकमा मॉपअप राउंड के दौरान छूटे हुए शत प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ आशु पाण्डेय ने बताया कि “29 फरवरी तक करीब 32 लाख 18 हजार 141 लोगों को दवा का सेवन कराया जा चुका है। वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने दवा खाने से इनकार करने वाले करीब 21 हज़ार0819 लोगों की सूची तैयार की, इनमें से 13 हज़ार 606 लोगों को, मॉपअप राउंड के दौरान बीमारी के विषय में जागरुक कर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराने में सफलता मिली है।जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि “ फाइलेरिया प्रभावित 13 ब्लॉक में मॉपअप राउंड के दौरान छूटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराया जा है। इसके लिए स्टेकहोल्डर, पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग कि टीम आशा आंगनबाड़ी कार्यकत्री के साथ लोगों को फाइलेरिया की गंभीरता व बचाव के बारे में जागरूक कर दवा खाने कि अपील कर रहे है। इसी का परिणाम है कि दवा खाने से मना करने वाले 62.36 प्रतिशत लोगों ने बीमारी कि गंभीरता को समझते हुए दवा का सेवन कर लिया है। बाकी बचे लोगों को भी जल्द ही जागरूक कर दवा का सेवन कराया जाएगा।आनंद सिंह ने बताया कि “हमारा उद्देश्य शत प्रतिशत लोगों को दवा का सेवन कराना है इसके लिए लोगों से यह अपील करना चाहूँगा कि जिनहोने अभी भी फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं किया है उनके घर जब भी कोई स्वास्थ्यकर्मी आए वह दवा का सेवन करें। किसी कारण उनसे आपकी मुलाक़ात न हो पाए तो 5 मार्च से पहले अपने क्षेत्र में आशा कार्यकत्री से संपर्क करें या अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर स्वास्थ्यकर्मी के सामने फाइलेरिया से बचाव कि दवा खाएं।“फाइलेरिया से बचाव की दवा के प्रति उदासीन सैदाबाद ब्लॉक के कनकपुर गाँव के निवासी सरोज विश्वकर्मा (उम्र 49) ने बताया, “मैं सोचता था कि जब मुझे फाइलेरिया नहीं है तो मैं दवा क्यों खाऊँ इसलिए मैंने दवा खाने से इनकार कर दिया था। एक दिन स्वास्थ्य विभाग से कुछ लोग मेरे घर आए और उन्होने मुझे फाइलेरिया के मरीजों की फोटो दिखायी जो काफी पीड़ादायक थी। उन लोगों ने मुझे बीमारी के बारे में समझाते हुए बताया की हमारा गांव फाइलेरिया प्रभावित  है। यहां रहने वाले लोगों में फाइलेरिया का संक्रमण संभावित है । इससे बचने का एक ही तरीका है कि बचाव की दवा का सेवन किया जाए। इसके बाद मैंने दवा का सेवन किया। दवा के सेवन के बाद मुझे किसी प्रकार की कोई शारीरिक दिक्कत नहीं महसूस हुई।“कौंधियारा ब्लॉक के अकोढ़ा गाँव कि निवासी सरिता देवी (38 वर्ष) ने भी दवा खाने से इंकार कर दिया था। उन्होने बताया कि “आशा दीदी हमारे घर दवा लेकर आई थी तब मैंने दवा खाने से मना कर दिया था, क्योंकि मुझे यह डर था कि कहीं इस दवा के सेवन से मुझे कोई शारीरिक नुकसान न पहुंचे। 28 फरवरी को आशा दीदी हमारे घर पर गाँव कि कई महिलाओं के साथ दोबारा आईं और हमें दवा के बारे में फिर से समझाया। दवा के फायदे जानने के बाद मैंने इसका सेवन किया। दवा के सेवन से मेरे ऊपर कोई दुष्प्रभाव नहीं महसूस हुआ।“

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