"जय जय भारत महान की" और "किस्मत वाले हैं" के लिए मिला सम्मान
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नीलम पब्लिकेशन मुंबई द्वारा प्रकाशित साझा काव्य संकलन "शब्दों का शिखर" में सहयोग प्रदान करने एवं संकलन में महती भूमिका निर्वहन के लिए राम मोहन गुप्त को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है।
नगर के सुपरिचित समाजसेवी, साहित्यकार राम मोहन गुप्त को नीलम पब्लिकेशन मुंबई द्वारा हालिया प्रकाशित साझा काव्य संकलन "शब्दों का शिखर" में सपरिचय प्रकाशित रचनाओं "जय जय भारत महान की" और "किस्मत वाले हैं" के प्रकाशन पर "प्रशस्ति पत्र" और साझा संकलन पुस्तक प्रदान कर सम्मानित किया गया है। काव्य संग्रह के मुख्य संपादक दिनेश आर वर्मा ने प्रशस्ति पत्र में श्रीगुप्त द्वारा शब्दों के शिखर के गौरव में अभिवृद्धि हेतु महती भूमिका निभाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए शुभेच्छाएं दीं हैं। इससे पूर्व भी राम मोहन गुप्त इसी पब्लिकेशन के साझा काव्य संग्रह हिन्दी से हम में भी प्रकाशित और प्रशंसित हो चुके हैं।
राम मोहन गुप्त 'अमर' और 'रामG' नाम से साहित्य सृजन करने वाले सेवानिवृत्त स्टेट बैंक कर्मी, प्रेरक प्रशिक्षक श्रीगुप्त इससे पूर्व भी अन्य कई संयुक्त काव्य संकलनों में भी प्रकाशित और विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित हो चुके हैं तथा उनका एकल काव्य संकलन 'स्वप्न हुए साकार' का लोकार्पण भी मेला दशहरा के सांस्कृतिक मंच पर किया जा चुका है निकट भविष्य में भी श्रीगुप्त की अन्यान्य रचनाएं साझा काव्य संग्रहों का हिस्सा बन कर आ रही हैं।
श्री गुप्त को प्राप्त उपरोक्त प्रशस्ति सम्मान पर डा इरा श्रीवास्तव, डा आशुतोष गुप्त, सर्वेश शुक्ला, अनिल श्रीवास्तव, आशीष गुप्ता, दीपक पुरी, अजय गुप्ता लकी, दिलीप बरनवाल, अनिल सिंह, विकास कुमार, वर्षा तुलस्यान,रीना अग्रवाल, अर्चना गुप्ता, श्रुति, गौरव गुप्ता, प्रवीण गुप्ता, तरुण साहू, मनीषा गुप्ता, विजय गुप्ता, अभिषेक गुप्ता, डा डी एन मालपानी, अंकुर डोगरा, तुषार गर्ग आदि सहित विभिन्न इष्ट मित्रों एवं सुधी जनों ने बधाईयां देते हुए उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की है।
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