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गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कल होगा माघ मेले में आगमन, करेंगे गौ संसद

● शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी का कल दो फरवरी को होगा माघ मेले में आगमन करेंगे गौ संसद

● गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने को आयोजित होगी गौ संसद

● गौ संसद् को मिलेगा शङ्कराचार्यों का दिव्य सान्निध्य


प्रयागराज , 1 फरवरी 2024। गाय भारतीय संस्कृति की आत्मा है। महाभारत (अनुशासन पर्व - अ.१४५) के अनुसार सृष्टि की रचना के इच्छुक ब्रह्माजी ने सबसे पहले गौमाता का निर्माण किया था, ताकि उनकी सृष्टि का पोषण हो सके। पोषण के अपने इसी गुण से गाय विश्व-माता कहलायी। इसे वेदों और पुराणों में *अघ्न्या, अवध्या’ कहा गया, पर दुर्भाग्य से इस समय विश्व में सबका पालन-पोषण करने वाली गौमाता को काटने और खाने का चलन हो गया है, जो कि भारतीय कृतज्ञ संस्कृति पर कलंक ही है।

पूर्व काल में राजा परीक्षित के सामने कलियुग ने डण्डे से गौ को मारना चाहा था, तब वे उसे मृत्युदण्ड दे रहे थे और आज उसी देश के राजा गाय को कटते और करुण पुकार करते हुए देखकर भी कैसे चुप रह सकते हैं? गौ-माता की इसी करुण पुकार को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने, गौ-व्यथा को दूर कर उन्हें अभयदान दिलाने और उनको राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा प्रदान करने के लिए राष्ट्रव्यापी गौ-प्रतिष्ठा आन्दोलन आरम्भ हुआ है, जिसको देश के चारों पीठों के वर्तमान पूज्य शंकराचार्यों सहित देश के समस्त धर्माचार्यों का समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त है।

इस स्वतःस्फूर्त गौ माता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन को देश के सभी गौ-भक्त सन्तों के द्वारा सञ्चालित किया जा रहा है। इसी क्रम में माघ पर्व महोत्सव के इस शुभ अवसर प्रयागराज की इस पावन धरती पर निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित है जिसकी सूचना आपको इस पत्रक के माध्यम में दी जा रही है--

गौमाता के लिए समर्पित रहेगा माघ पर्व महोत्सव

परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज ने इस माघ पर्व को गौमाता के लिए समर्पित किया है और वे आगामी आने वाले नव संवत्सर को भी गौ संवत्सर के रूप में घोषित कर रहे हैं। आशा है कि गौमाता के प्रति समर्पित भाव से आयोजित होने वाले इन सभी कार्यक्रमों से गौमाता का आशीर्वाद हम और आप सभी सनातनियों को अवश्य ही प्राप्त होगा। 
आगामी कार्यक्रम 
-- 2 फरवरी को गौमाता मङ्गल प्रवेश आयोजित है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती '1008' का प्रयाग के माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश होगा। इस प्रवेश में पूज्य गौमाता का रथ सबसे आगे होगा जिसका अनुकरण करते हुए परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

-- 3 फरवरी को गौ गंगा पूजा का आयोजन होगा। परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज गौमाता एवं गंगा माता की पूजा विधि-विधान से सम्पन्न करेंगे।

-- 4 फरवरी को मेला परिक्रमा होगी जिसमें शङ्कराचार्य जी महाराज के दिशानिर्देश पर गौभक्तों के विभिन्न दलों के द्वारा सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलवाने के लिए जन-जन को प्रेरित किया जाएगा।

-- 5 फरवरी को रामा गौ विद्वत्सभा, रामा गौशाला सञ्चालक सम्मेलन, रामा गौ उत्पाद प्रदर्शनी, रामा गौव्रती सम्मेलन आदि आयोजन सम्पन्न होंगे। 

-- 6 फरवरी को गौ संसद् का आयोजन होगा जिसमें दो पीठों का वर्तमान शङ्कराचार्य जी महाराज प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहेंगे और अन्य दो पीठों के प्रतिनिधियों के उपस्थित रहने की सम्भावना है। इस संसद् में देश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र से एक-एक गौसांसद् व भारत के सभी प्रदेशों से गौदूत सम्मिलित होंगे। देश भर के षड्दर्शन साधु समाज के लगभग सभी सन्त-महन्थों के उपस्थित रहने की सम्भावना है। इस संसद् में गौमाता को राष्ट्र माता का सम्मान दिलाने हेतु दो सत्र में चर्चा के उपरान्त धर्मादेश जारी किया जाएगा। 

7 फरवरी को प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में मेलाबन्दी की जाएगी। लगभग 5 मिनट के लिए मेला क्षेत्र में लगे सभी शिविरों में से लोग गौमाता के सम्मान में अपने अपने शिविर द्वार के बाहर निकल कर खडे होंगे और राष्ट्रमाता गौमाता की जय हो इस नारे का जयोद्घोष करेंगे।

8 फरवरी को माघ माहात्म्य पर परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज एवं अन्य सभी साधु-सन्तों के प्रवचन श्रवण का सौभाग्य सनातनी जनता को प्राप्त होगा।

9 फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान होगा और तीर्थराज प्रयाग माहात्म्य कथा के साथ ही शङ्कराचार्य जी महाराज का प्रताग से प्रस्थान निश्चित है।

आप सबसे अनुरोध है कि उक्त सभी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति देकर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करवाने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।
पत्रकार वार्ता में शंकराचार्य शिविर के प्रभारी ब्रह्मचारी महंत सहजानंद, ब्रह्म विद्यानंद, श्री भगवान,गोवर गोपाल,बाबा जगदीशानंद, शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार उपस्थित रहे।

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