लखीमपुर खीरी 16 जनवरी। मंगलवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जल निकायों का सैटेलाइट/ रिमोट सेंसिंग आधारित सर्वेक्षण तथा प्राकृतिक तरीकों से उनके संरक्षण, संवर्धन एवं जीर्णोद्वार पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमे डीएम ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों की वॉटर बॉडीज को पुनर्जीवित करने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम का सफल संयोजन सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि जब तक जल सुरक्षित नहीं, तब तक शहर, गांव सुरक्षित नहीं है। इसलिए जरूरी है कि हम पानी की बूंद-बूंद का महत्व समझें और पूर्वजों के बनाये गये जल स्त्रोतों को हर हाल में संरक्षित करें। उन्होंने समस्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों को जल बचाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जल निकायों के सैटेलाइट / रिमोट सेंसिंग आधारित सर्वेक्षण के जरिए तालाबों और झीलों के संरक्षण के लिए वॉटर बॉडीज की मैपिंग भी करवायी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षक प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता, वैज्ञानिक रिमोट सेन्सिंग केन्द्र आलोक सैनी और अर्जुन सिंह ने कम समय और कम खर्च में नैसर्गिक तरीके से तालाबों और झीलों को पुनर्जीवित करने का मंत्र दिया है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि हमें प्राकृतिक तरीके से तालाबों और झीलों का संरक्षण करना है। इससे जल निकायों के साथ ही पर्यावरण भी संरक्षित होगा और जिले में ईको टूरिज्म बढ़ेगा। कलेक्ट्रेट में प्रशिक्षक प्रोफेसर, पर्यावरण विज्ञान, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्व विद्यालय डा.वेंकटेश दत्ता, वैज्ञानिक रिमोट सेन्सिंग केन्द्र आलोक सैनी और अर्जुन सिंह ने प्रशिक्षण में मौजूद अधिकारी और कार्मिकों को जल निकायों के सैटेलाइट /रिमोट सेंसिंग आधारित सर्वेक्षण तथा उनके संरक्षण, संवर्धन एवं जीर्णोद्वार के लिए पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यक्रम में डीएफओ संजय बिस्वाल, शौरीश, एडीएम संजय कुमार सिंह, डीसी मनरेगा विपिन कुमार चौधरी, सभी उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
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