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मंगलवार, 16 जनवरी 2024

संस्मरण भाव में पिरोयी श्रद्धांजलि

                      पवन कुमार पांडेय

एक लंबा अर्सा बीत चुका है, बात लगभग (1986-1987) 36-37 वर्ष पहले की है। उस समय मैं राष्ट्रीय इंटर कॉलेज मायंग (भरसड़ा) का ग्यारहवीं कक्षा का छात्र था। कॉलेज के तत्कालीन चेयरमैन जन-जन के नायक, हम सबके चहेते स्वर्गीय बाबू इन्द्रभद्र सिंह (पूर्व विधायक) कॉलेज में जांच-पड़ताल के लिए आए हुए थे। वे बेहद अनुशासनप्रिय मगर बहुत ही भावुक और नेक दिल इंसान थे। बड़ों के प्रति अटूट श्रद्धा और छोटों के प्रति अपार प्रेमभाव उनमें कूट-कूट कर भरा था। किसी भी विद्यार्थी का कक्षा से बाहर निरुद्देश्य घूमना उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं था। मुझे याद आ रहा है,उस दिन उनके साथ उनके सुपुत्र (जिनकी उम्र लगभग दस बरस थी) हमारे निवर्तमान विधायक सोनू सिंह  भी कॉलेज आए हुए थे। उनके हाथ में फुटबॉल थी। हॉफ पैंट और शर्ट में ये बहुत ही सुंदर और बेहद आकर्षक लग रहे थे। मैंने इन्हें अपने गोद में लेने का कई बार असफल प्रयास भी किया था
मैं सपरिवार दिल्ली में रहता हूं। अत्यंत व्यस्त जीवन के बीच में कभी-कभी अपनी हृदय प्रिय मातृभूमि करमोली (सुलतानपुर) में जाने का अवसर मिल ही जाता है। मेरे पूज्य बाबूजी (श्री हनुमान दत्त पाण्डेय) स्वर्गीय विधायक बाबू इन्द्रभद्र सिंह जी को याद करके प्रायः भावुक हो जाया करते थे। वे कहते हैं कि सुलतानपुर से वापिस घर लौटते समय वे सबको अपनी गाड़ी में बैठा लिया करते थे और किसी से भी एक पैसा नहीं लेते थे। उनकी दयालुता और उदारता के किस्से सुनाते और सुनते हुए सबकी आंखें बरबस गीली हो जाया करती हैं।स्वर्गीय ठाकुर बाबू इन्द्रभद्र सिंह (पूर्व विधायक जी) की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मैं सपरिवार अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पूज्य बाबूजी को परमपिता परमेश्वर भगवान श्रीवेंकटेश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दें।

● पवन कुमार पाण्डेय
एम. ए. (साहित्य), एम. ए. (लोक प्रशासन) & एम. ए. (ज्योतिष-अध्ययनरत),
पूर्व प्रबंधक (DSIIDC, दिल्ली सरकार), 
पूर्व अनुभाग अधिकारी (इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली सरकार); एवम् 
अनुभाग अधिकारी
श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविद्यालय)
नई दिल्ली

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