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रविवार, 21 जनवरी 2024

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा : नए युग का सूत्रपात

   अयोध्या में आराध्य प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की पावन घड़ी अति सन्निकट है। चारों तरफ रामनाम की धूम मची है। हर एक मनुष्य राम में लीन है। सभी राम धुन गुनगुना रहे हैं और रामनाम का सुमिरन कर रहे हैं। अगाध आस्था में डूबा सम्पूर्ण वातावरण राममय हो गया है, यह अकल्पनीय और अवर्णनीय है।

     भोर से लेकर शाम तक सिर्फ और सिर्फ श्रीराम सुमिरन का क्रम चल रहा है। चारों दिशाओं से प्रभु श्री राम का घोष सुनाई दे रहा है। इस समय सारा संसार रामसुमिरन में मग्न होकर अपने रोजमर्रा के कार्यों को भी सुरुचि-पूर्वक करते हुए  सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होकर तन्मयता के साथ अभिभूत हो रहा है। जनसामान्य के जीवन का वह  पक्ष भी दिखाई देने लगा है, कि जो पहले कभी मनुष्य सीमित संसाधनों के साथ जीविकोपार्जन करते हुए शेष समय राम-सुमिरन में  व्यतीत करता था। आज फिर वहीं दृश्य दिखाई दे रहा है, जिससे मन को अपूर्व शांति और आनंद का एहसास होता है। सही मायने में यही जीवन की सार्थकता है, जो दैनन्दिन कार्यों के साथ अधिक से अधिक समय प्रभु के ध्यान और सुमिरन व्यतीत हो। ऐसे सुखद वातावरण से नए युग का सूत्रपात हो रहा है। अब प्रतीक्षा है बस दिव्य-भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने की।
                  आलेख :   - ✍️ पंखुड़ी सिंह

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