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गुरुवार, 4 जनवरी 2024

लखीमपुर / संघ कार्यकर्ताओं ने निर्मलनगर वार्ड में पूजित अक्षत देकर रामभक्तों को किया आमंत्रित

लखीमपुर। आज श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह अक्षत वितरण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिव किशोर त्रिवेदी के नेतृत्व में धर्म और आस्था में सराबोर युवाओं की एक टीम ने स्थानीय निर्मलनगर, अर्जुनपुरवा मोहल्लों में पहुंचकर गली-गली और घर -घर पूजित अक्षत पत्र-चित्र वितरण वितरण कर लोगों से 22 जनवरी का श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण दिया।

 उन्होंने कहा कि जो लोग वहां नहीं पहुंच पाएंगे वे  घर -घर दीप जलाकर दीपावली मनाने और मन्दिरों और घरों में रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकांड पाठ, रामरक्षा स्तोत्र, और हनुमान चालीसा आदि का पाठ करने की अपील की। श्री त्रिवेदी ने कहा कि सैकड़ों वर्षों बाद हमें इतना बड़ा सौभाग्य सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसी क्रम में संघ की यह टीम निर्मलनगर वार्ड के अर्जुनपुरवा मोहल्ला स्थित दैनिक जनजागरण न्यूज ( डिजिटल) कार्यालय पहुंची, वहां उपस्थित मीडिया कर्मी व नौनिहालों को पूजित अक्षत, चित्र-पत्र प्रदत्त कर श्री राम मंदिर अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान बच्चों द्वारा श्री राम के जयकारों समूचा कार्यालय गुंजायमान हो गया।

●  दैनिक जनजागरण न्यूज: 22 जनवरी को राममय बनाने की की अपील :

लखीमपुर। स्थानीय मोहल्लों में रामभक्तों को पूजित अक्षत, चित्र-पत्र देकर 22 जनवरी को अयोध्या श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा हेतु आमंत्रित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिव किशोर त्रिवेदी ने बताया कि आगामी पौष शुक्ल, द्वादशी, विक्रम संवत् 2080, सोमवार (दिनांक 22 जनवरी, 2024) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को, श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी। इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। आप भी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य) अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (L.E.D., स्क्रीन) लगाकर अयोध्या का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें। कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन-आरती-पूजा तथा "श्रीराम जय राम जय जय राम" विजय महामंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, वातावरण सर्वत्र सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ; दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये। उन्होंने आगे कहा कि आपसे निवेदन है कि प्राण-प्रतिष्ठा दिन के उपरान्त प्रभु श्रीरामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्या में परिवार सहित पधारें।

●  दैनिक जनजागरण न्यूज: श्री राम जन्मभूमि मन्दिर की दिव्यता, भव्यता का किया गया वर्णन 

● श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का विवरण देते हुए संघ कार्यकर्ताओं की टीम ने बिंदुवार बताया कि :

●  मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित।

● मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट।

●  तीन मंजिला मंदिर, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, कुल 392 खम्भे, 44 दरवाजे।

●  भूतल गर्भगृह-प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्रीरामलला) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह-श्रीराम दरबार।

●  कुल पाँच मंडप-नृत्यमंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप (सभा मण्डप), प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप । 

● खम्भे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ ।

●  प्रवेश पूर्व से, 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा। 

●  दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था।

● चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार)-लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर-भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर।

●  मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप।

● ॐ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मन्दिर-महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या।

●  दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना

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