मानव जीवन के लिए प्रकृति प्रेमी होना नितांत आवश्यक होता है। इसके लिए पेड़, पौधे, जीव जंतुओं का संरक्षण अपरिहार्य है। जहां पेड़ पौधे हमे कार्बन डाइऑक्साइड देते हैं वहीं पेड़ पौधे हमे ऑक्सीजन देते हैं। जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक तत्व होता है।निर्भया सेना के संस्थापक एवम् राष्ट्रीय अध्यक्ष, Ex मेंबर NRUCC, रेल मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, सतीश मिश्र बाबाजी का जीव जंतुओं, प्रकृति से प्रेम होना, जग जाहिर है। वह जहां कहीं भी जाते हैं, जीव जंतुओं को खाद्य पदार्थ, चारा खिलाने का एक भी मौका नहीं गंवाते।
उसका एक जीता जागता उदाहरण अभी कल ही देखने के लिए मिला जब अध्यक्ष जी देव नगरी डोरिया , उतर प्रदेश के अंतर्गत मझौली राज कस्बा के समीप प्राचीन श्री दीर्घेश्वर नाथ मंदिर में माथा टेकने गए थे, जहां उन्होंने मंदिर परिसर में सैर कर रहे जीव जंतुओं को सप्रेम चारा खिलाने का कार्य किया।इससे आप के जीव जंतुओं, प्रकृति प्रेम का अंतर्दिल से विचार उजागर होता है। वह हम सभी को भी प्रकृति एवम् जीव जंतुओं से प्रेम इजहार करने हेतु हमेशा ही प्रोत्साहित करते रहते हैं। वह पेड़ पौधों के अंधाधुंध हो रहे कटान के प्रति भी सख्त हैं । बाबा जी के विचारो को मै प्रणाम करता हूं। काश हम सभी भी इस मुद्दे पर बाबा जी का अनुसरण करते।मै स्वयं भी उसी नगरी से हूं और श्री दीर्घेश्वर नाथ मंदिर की अपरंपार महिमा के बारे से अवगत हूं।सच्चे मन से किया गया सभी मनोकामना पूर्ण होती है।बाबा जी भगवान शिव एवम् महाबली जी के अनन्य भक्त हैं।
ईश्वर हम सभी को भी ऐसे प्रकृति प्रेमी होने हेतु सद्बुद्धि दे। प्रकृति का संरक्षण मानव जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है, हमे समझना ही होगा और संकल्प लेना होगा।आप को बहुत बहुत बधाई आदरणीय बाबा जी!!,आप जैसे व्यक्तित्व पर सेना एवम् परिवार को अत्यंत गर्व है.
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