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गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

प्रयागराज / यमुना नदी का सीना चीर बालू माफिया निकाल रहे लाल सोना स्थानीय प्रशासन इन माफियाओं पर मेहरबान

प्रयागराज। लालापुर थान क्षेत्र के अंतर्गत मझियारी आमद चायल में यमुना रेता खनन माफियाओं का हौसला इस कदर बुलंद हैं कि बिना प्रशासन के किसी डर के यमुना नदी के बीच धारा से नाव द्वारा यमुना नदी का बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। नाव द्वारा जिस तरह खनन हो रहा है उसे जलीय जीवों के जीवन के निकट के साथ-साथ यमुना नदी के अस्तित्व पर भी खतरा मंगवा रहा है अगर ऐसा ही चला रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यमुना नदी सूखकर विलीन हो जाएगी खनन माफिया यमुना नदी का अस्तित्व मटकर पौराणिक धरोहर का सर्वनाश करने पर तुले हुए हैं खनन माफियाओं द्वारा यमुना नदी से खनन के नियमों को ताप पर रखकर खनन किया जा रहा है ओवरलोड वाहन लगातार निकल रहे हैं लेकिन प्रशासन पर परवाह है किसी दिन कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है जिस तरह से माफियाओं द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और प्रशासन अनदेखा कर रहा है यह सब देखते हुए स्थानीय लोगों को कहना है कि प्रशासन की कर पदस्ती में भी माफिया फल फूल रहा है इन माफियाओं पर पुलिस प्रशासन खनन विभाग ऑफिस इतना मेहरबान क्यों है यह सोचने का विषय है एनजीटी के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है आखिर प्रशासन की कान पर जूं क्यों नहीं रेंग रही है। 
यमुना नदी से हो रहे इस खनन से सरकार के कई लाखों के राजस्व का नुकसान हर माह हो रहा है लेकिन स्थानीय प्रशासन भी इसे रोक नहीं पा रहा है आखिर इन माफिया पर किसका साया है जो प्रशासन भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है अवैध खनन और अवैध परिवहन के कारण किसी दिन कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है, क्योंकि खनन करने वाले अपनी साख पर खनन करते हैं। अगर किसी दिन कोई अप्रिय घटना हो जाती है, तो आखिर कौन जिम्मेदार होगा। माझियारी आमद चायल हर वर्ष बाढ़ की मार झेलता है, यमुना नदी में लगातार बाढ़ के टाइम पर कटान के कारण किसानों की हजारों भी ना जमीन पहले ही यमुना नदी में समाहित हो गई है। अगर ऐसा ही चला रहा तो माझियारी गांव की जमीन में कट कर यमुना नदी के कछार में तब्दील हो जाएगी। आखिर योगी सरकार कब इस काले कारोबार पर रोक लगाये गी।

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