भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतकीय पारी खेल कर वनडे में सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ने वाले विराट कोहली के पास भारत के इस पूर्व दिग्गज के इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ने की क्षमता है.कोहली के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 80 (वनडे में 50, टेस्ट में 29 और टी20 इंटरनेशनल में एक) शतक दर्ज हैं और वह तेंदुलकर (टेस्ट में 51 और वनडे में 49) के रिकॉर्ड से 20 शतक पीछे हैं। शास्त्री ने 'द आईसीसी रिव्यू' से कहा, 'जब सचिन तेंदुलकर ने 100 शतक बनाए तो किसने सोचा होगा कि कोई उनके करीब भी आएगा? और उसने 80 शतक बना लिए हैं। इसमें 50 शतक वनडे में आए हैं, यह कई बार वास्तविकता से परे लगता है।'भारत के इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, 'कुछ भी असंभव नहीं है, क्योंकि ऐसे खिलाड़ी जब शतक बनाने की कोशिश करते हैं तो बहुत तेजी से शतक बना लेते हैं। उनकी अगली 10 पारियों में आपको पांच और शतक देखने को मिल सकते हैं।' शास्त्री ने कहा, 'आपके पास खेल के तीन प्रारूप हैं, और वह उन सभी प्रारूपों का हिस्सा है वह अभी तीन-चार साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेल सकता है.' शास्त्री कोहली की दबाव झेलने की क्षमता से भी आश्चर्यचकित है।
शास्त्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि उसका संयम, उसका शारीरिक हाव-भाव, क्रीज पर उसका धैर्य (इस विश्व कप में)। मैंने उसे पिछले वर्ल्ड कप में देखा है जहां वह काफी नर्वस दिख रहा था। वह पहले मैच से ही शानदार लय में रहना चाहता था. वह अपना समय ले रहा है, दबाव को झेल रहा है, मैदान में खुद को समय दे रहा है और पारी के आखिर तक बल्लेबाजी करने की अपनी भूमिका को समझ रहा है, वह अद्भुत है।' शास्त्री ने कोच के रूप में अपने भारतीय टीम के साथ अपने कार्यकाल के दौरान कोहली के साथ मिलकर काम किया था। उन्होंने बताया कि कोहली सख्त आहार के साथ फिटनेस के लिए काफी पसीना बहाते है। इससे उन्हें विकेटों के बीच दौड़ कर रन बनाने की आजादी मिलती है।शास्त्री ने कहा, 'कोहली की बल्लेबाजी की एक विशेषता विकेटों के बीच दौड़ कर रन बनाने की है, इस खूबी के कारण उसे चौके और छक्के पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। वह अपनी शारीरिक फिटनेस के कारण विकेटों के बीच तेजी से रन चुरा सकता है।' शास्त्री ने कहा, 'इससे उस पर से दबाव कम हो जाता है। यहां तक कि जब उसे बाउंड्री नहीं मिल रही होती, तब भी वह स्ट्राइक रोटेट कर रहा होता है, उसके पास हमेशा पारी के अंत तक पहुंचने की अदभुत क्षमता होती है।'
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