प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद के चौथे और पांचवें नंबर के बेटों को बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर सोमवार शाम बालगृह (राजरूपपुर) से उनकी बुआ के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने सुरक्षा के साथ दोनों भाइयों को उनकी बुआ के घर तक पहुंचाया। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस को लावारिस हालत में मिले अतीक के दोनों बेटों को पिछले सात महीने से बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) में रखा गया था। अतीक की बहन ने अपनी सुपुर्दगी में लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की थी। चौथे नंबर का अहजम पांच अक्तूबर को 18 साल का हो गया है। उसकी हटवा में रहने वाली बुआ परवीन अहमद कुरैशी ने सुपुर्दगी मांगी थी। दोनों को बाल गृह से मुक्त करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।10 अक्तूबर को सुनवाई से पहले सोमवार को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश मिश्र और चार अन्य सदस्य अरविंद कुमार, सुमन पांडेय, सुषमा शुक्ला और आकांक्षा सोनकर ने बैठक की। इसके बाद अतीक के दोनों बेटों को उसकी बुआ परवीन अहमद के सुपुर्द करने का आदेश जारी किया। शाम पांच बजे राजरूपपुर स्थित बाल गृह में दोनों भाइयों को लेने उनकी बुआ परवीन अहमद पहुंचीं। इस दौरान एसीपी धूमनगंज वरुण कुमार और धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश मौर्या पुलिस फोर्स के साथ मौजूद थे। कागजी कार्यवाही के बाद दोनों भाइयों को परवीन अपने साथ ले गईं। सुरक्षा कारणों से पुलिस भी साथ गई थी। बालगृह के अधीक्षक बाल मुकुंद गोस्वामी ने बताया कि बाल कल्याण समिति के आदेश पर अतीक के दोनों बेटों को उसकी बुआ के सुपुर्द किया गया है।
माफिया अतीक अहमद के जेल में रहने के दौरान ही पुलिस को उसके दोनों बेटे लावारिस हालत में मिले थे। अतीक और उनकी पत्नी शाइस्ता अपने बेटों से नहीं मिल सकी थी। पुलिस के डर से शाइस्ता फरार हो गई। उस पर 50 हजार का इनाम है। अतीक की हत्या के बाद उसकी बहनें सामने आईं। इसके बाद भी सात महीने तक दोनों भाई लावारिस बनकर बालगृह में रहे। उमेश पाल की 24 फरवरी 2023 को हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अतीक, अतीक की पत्नी, भाई और बेटों को नामजद किया गया। वारदात के बाद अतीक की पत्नी शाइस्ता भी फरार हो गई। इस बीच शाइस्ता ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उसके चौथे और पांचवें नंबर के नाबालिग बेटों को अवैध रूप से हिरासत में रखा है। मामला कोर्ट में पहुंचा तो पुलिस ने दलील दी थी कि दोनों नाबालिग चकिया में लावारिस मिले थे। दो मार्च 2023 को दोनों भाइयों को राजरूपपुर स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया।शाइस्ता के फरार होने के बाद अतीक अहमद की बहन शाहीन ने जिला कचहरी से हाईकोर्ट तक गुहार लगाई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने अधिवक्ता केसी जार्ज को अतीक के बच्चों से बातचीत करने के लिए बाल संप्रेक्षण गृह भेजा। अतीक के दोनों बेटे उस वक्त नाबालिग थे। उन्होंने कहा कि वे यहां नहीं रहना चाहते। आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने अपने पांच रिश्तेदारों का नाम बताया, जहां वे जाना चाहते थे। डॉ. जार्ज की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट में इस प्रकरण में 10 अक्तूबर को सुनवाई होनी है। इस बीच शाहीन के पति को पुलिस ने फर्जीवाड़ा में जेल भेज दिया। शाहीन भी फरार हो गई। अब अतीक के बेटों को सुपुर्दगी में लेने के लिए अतीक की दूसरी बहन परवीन अहमद कुरैशी सामने आईं। उन्होंने कोर्ट से मांग की। पुलिस ने सत्यापन किया तो उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला सामने नहीं आया। इसी के बाद बाल कल्याण समिति ने अतीक के दोनों बेटों को परवीन अहमद के हवाले करने का आदेश जारी कर दिया।
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