Breaking

मंगलवार, 10 अक्तूबर 2023

यूपी / शिक्षा विभाग के हजारों आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर किया कार्य बहिष्कार

आउटसोर्सिंग कर्मचारी हितों के शोषण के विरोध में प्रदेश अध्यक्ष वैभव मिश्रा के आह्वान का दिखा प्रदेश में साफ असर

● उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार कर जताया शांतिपूर्ण ढंग से शोषण का विरोध

● मानदेय 3-4 महीनों तक न दिया जाना, पीएफ का पैसा कटा लेना मानदेय से मगर जमा न किया जाना, न नियमावली कोई भी, न मानदेय बढोतरी, न समान कार्य और समान वेतन का अनुपालन करना बनी हुई हैं प्रमुख समस्याएं।

लखीमपुर। आउट सोर्सिंग वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष वैभव मिश्रा, महामंत्री आबिद रिजवी व कावा संगठन के संगठन मंत्री अनूप मिश्रा द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारी हित में लिए गए निर्णय के तहत आज सामूहिक अवकाश लेकर कार्य का बहिष्कार किया गया।  विगत कई महीनों से मानदेय  न मिलने, पीएफ अकाउंट में पैसे न जमा होने व अन्य समस्याओं के कारण  हुए इस बहिष्कार में पूरे प्रदेश से अधिकांश जिलों के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताया। प्रदेश अध्यक्ष वैभव मिश्रा ने बताया आज कार्य बहिष्कार हजारों लोगों द्वारा किया गया सभी आउट सोर्सिंग कर्मचारी खुलकर सहयोग प्रदान कर रहे है क्योंकि कई बार लिखित, मौखिक एवं ऑनलाइन शिकायत के बावजूद सरकार व विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है यदि इस कार्य बहिष्कार के बाद भी यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो एक दिवसीय धरना प्रदर्शन हेतु शिक्षा विभाग के समस्त आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को बाध्य होना पड़ेगा जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सरकार और विभाग का होगा। एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के हित में कई फैसले ले रहे है मगर मुख्य बिन्दु पर नजर नहीं जा रही है साथ ही सीएम से अनुरोध किया क़ि सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारी अल्प मानदेय भोगी है, मानदेय समय से और पूर्ण दिलाने का कष्ट करे।
कावा संगठन मंत्री अनूप मिश्रा द्वारा बताया गया की हम सभी 12 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे है मगर अभी तक मानदेय में कोई ठीक प्रकार की बढ़ोत्तरी नही की गई है अल्प मानदेय उपर से समय पर न दिया जाना हम सभी के हितों का शोषण है। मेहनत करने के बावजूद हम सभी उधारी लेकर कार्य कर रहे है आखिरी कब तक शोषण का शिकार होते रहेंगे। महामंत्री आबिद रिजवी द्वारा बताया गया विभाग के समस्त अधिकारियो को खुद सोचना चाहिए की क्या हमारे साथ जो हो रहा है वो सही है?
● मानदेय 3-4 महीनों तक न दिया जाना। ● पीएफ का पैसा कटा लेना मानदेय से मगर जमा न किया जाना। ● न नियमावली कोई भी। ● न मानदेय बढोतरी। ● न समान कार्य और समान वेतन का अनुपालन करना। अन्य और भी समस्या बनी हुई है।
आज कार्य बहिष्कार का असर सभी जिलों में देखा गया जिनमें कुछ प्रमुख जिले इस प्रकार है -
महोबा, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, बांदा, शाहजहांपुर, कासगंज, अलीगढ़, बुलन्दशहर, देवरिया, बिजनौर, प्रतापगढ़, बाराबंकी, मुरादाबाद, चित्रकूट, मैनपुरी, कन्नौज बाकी अन्य जिलों में भी बढ़ चढ़ कर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार का पूर्ण समर्थन किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments