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गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

फसल अवशेषों को जलाने के खिलाफ एक्शन में आया प्रशासन, किसान से वसूला जुर्माना, किया ग्रामीणों को जागरूक

● पराली जलाने वालों को सेटेलाइट ने दबोचा, प्रशासन ने दोनो मामलो में की कार्यवाही

● तहसील प्रशासन ने किसान से वसूला जुर्माना, क्षेत्रीय लेखपालो को प्रतिकूल प्रविष्टि

लखीमपुर खीरी 12 अक्टूबर। प्रशासन की लाख हिदायतों के बाद भी किसान खेतों में पराली जलाकर वायु प्रदूषण बढ़ाने से बाज नहीं आए। रात के अंधेरे में या दिन में चोरी-छिपे पराली जलाकर किसानों ने यह मान लिया कि उनकी यह करतूत किसी के सामने नहीं आएगी। लेकिन सेटेलाइट के जरिए उनकी चोरी पकड़ी गई। बुधवार को सेटेलाइट के जरिए जिले में खेत में पराली जलाने के तहसील गोला एवं मितौली में एक-एक मामले सामने आए। जिनमें तहसील प्रशासन ने जुर्माने सहित अन्य कार्रवाहिया की है।

गोला। एसडीएम रत्नाकर मिश्रा ने बताया कि जिला स्तर से सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर बढैयाखेडा मजरा सिकन्द्राबाद परगना हैदराबाद तहसील गोला की गाटा संख्या 1727/0.267 हे0 रवीन्द्र कुमार पुत्र स्वामीदयाल के नाम दर्ज है, जिसमें लगी धान की फसल को कम्बाइन मशीन गाडी सं. यूपी 71 एआर 9428 द्वारा बिना एसएमएस प्रयोग किये कटाई की। जिसे उक्त किसान द्वारा 11 अक्टूबर को पराली जला दी गयी। खातेदार से जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि कम्बाइन मशीन वर्तमान में थाना फरधान क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बेलवा गयी हुयी है। नायब तहसीलदार, आरआई, एडीओ (कृषि) व लेखपाल ने मौके पर जाकर कम्बाइन मशीन ग्राम रौसा से बेलवा के बीच में मिली। कम्बाईन मशीन को ले जाकर के निकटस्थ थाना फरधान के प्रभारी को विधिक कार्यवाही के लिए सुपुर्दगी में दे दी। शासनादेशानुसार जुर्माना धनराशि वसूल कर सम्बंधित लेखा शीर्षक में जमा कराई गई। घटना की सूचना समय से न दिये जाने के कारण क्षेत्रीय लेखपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। तहसीलदार विनोद कुमार गुप्ता ने उक्त घटना के सम्बंध में खातेदार रवीन्द्र कुमार पुत्र स्वामीदयाल के विरूद्ध अंतर्गत धारा 107/116 दं०प्र०सं० की कार्यवाही की है।

मितौली। सेटेलाईट के जरिए प्राप्त सूचना के आधार पर ग्राम मुरईताजपुर, परगना कस्ता में नायब तहसीलदार मितौली ने मय क्षेत्रीय लेखपाल व बीट सिपाही, स्थलीय निरीक्षण किया। ग्राम मुरईताजपुर परगना कस्ता तहसील मितौली की भूमि गाटा संख्या 100/0.571 हे0, जो विनोद कुमार पुत्र मथुरा के नाम बतौर सहखातेदार संकमणीय भूमिधर दर्ज है, पर खातेदार विनोद कुमार पुत्र मथुरा द्वारा अपने हिस्से की भूमि रकबा 0.099हे0 पर बोई गन्ने की फसल की पराली जलाये जाने की घटना सत्य मिली। 

एसडीएम विनीत उपाध्याय ने बताया कि विनोद कुमार पुत्र मथुरा ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण व उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की। शासनादेशनुसार कृषि अपशिष्ट/पराली जलाने के दोषी व्यक्ति के विरूद्ध 2,500 रू का जुर्माना वसूल कर रजिस्टर नं० 4 में जमा कराया गया। थानाध्यक्ष मितौली ने खातेदार विनोद कुमार पुत्र मथुरा के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 107/ 116दं०प्र०सं० की कार्यवाही की है। घटना की सूचना समय से न दिये जाने के कारण क्षेत्रीय लेखपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदत्त की गई।

पराली जलाने की घटनाएं रोकने को प्रशासन ने कसी कमर

● गांव-गांव चौपाल, अफसर ग्रामीणों को कर रहे जागरूक

लखीमपुर खीरी 12 अक्टूबर। खीरी में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। डीएम के निर्देश पर सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार अपने तहसील क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभाव बता रहे हैं। गांव में कहीं चौपाल के जरिए तो कहीं खेत में खड़े होकर किसानों को पराली ना जलाने का संकल्प दिला रहे हैं। वही कृषि विभाग के अफसर व कार्मिक भी जगह जगह लोगो को जागरूक किया।

डीएम के निर्देश पर तहसील धौरहरा के क्षेत्र के गांव पैकापुर, रुद्रपुर सालीम तथा मटरिया में एसडीएम धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारियों ने पराली प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम कर किसानों को जागरूक किया। तहसील पलिया में एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने नेपाल बॉर्डर के ग्राम ध्यानपुर, सोनहा, मरोचा में पराली प्रबंधन जागरूकता कार्यशाला के जरिए ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होंने पराली ना जलाने का संकल्प भी दिलाया। निघासन तहसील क्षेत्र में तहसीलदार भीमसेन ने ग्राम दौलतापुर और धर्मापुर में और एसडीएम डॉ अवनीश ने मोहम्मदी तहसील क्षेत्र के ग्राम शिवपुरी, कसावल, बंजरिया में चौपाल लगाकर जागरुक किया। मितौली तहसील क्षेत्र में एसडीएम विनीत उपाध्याय ने तहसीलदार सुखबीर सिंह संग ग्राम नयागांव, लिधियाई व औरंगाबाद में पराली जलाने के दुष्प्रभाव बताए।

एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार तहसील क्षेत्र के अलग-अलग गांव में दस्तक देकर पराली जलाने के दुष्प्रभाव बता रहे हैं। अफसरो ने ग्रामीणों को बताया कि यदि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रारेक एवं बेलर या अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्रों के बगैर चलते हुयी मिले तो उसको तत्काल सीज करते हुये कम्बाइन मालिक के स्वयं के खर्च पर सुपर स्ट्रा-मैनेजमेन्ट सिस्टम लगवाकर ही छोड़ा जाये। इस दौरान ग्रामीण विशेष कर किसानों को पराली ना जलाने का संकल्प दिलाया गया।

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पराली को जलाएं नहीं, करें इसका बेहतर उपयोग : डीएम

डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने किसानों से अपील की पराली-फसल अवशेषों को जलाए नहीं, वरना उसे इन सीटू यन्त्रों (मल्चर, रोटावेटर, रिवर्सेबल एम.वी. प्लाऊ) आदि से जुताई कर खेतों में मिलाकर कम्पोस्ट खाद बनाएं, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी। फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा। डीएम ने किसानों को सुझाव दिया कि खेती के साथ-साथ फसल अवशेष व पराली प्रबन्धन में वैज्ञानिक विधि व अत्याधुनिक कृषि यन्त्रों का प्रयोग कर अपनी आय में इज़ाफे के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में सहयोग कर पृथ्वी के वातावरण को जीवन योग्य बनाए रखने में मदद करें।

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किसान को खेत में पराली जलाते तहसीलदार ने पकड़ा रंगेहाथ, लगाया जुर्माना

गुरुवार को तहसीलदार सदर सुशील प्रताप सिंह में ग्राम बम्हनपुर एवं सल्हिया में जागरूकता चौपाल लगाकर किसानों को पराली ना जलाने का संकल्प दिलाया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्राम ताहिरपुर में तहसीलदार की नजर अचानक एक खेत से उठ रहे धुएं के गुबार पर पड़ी। यहां एक किसान अपने छोटे से खेत में फसल अवशेष (पराली) जला रहा था। खेत में फसल के अवशेष को जलता हुआ देखकर तहसीलदार ने तत्काल अपनी गाड़ी मौके पर रुकवाई और उतरकर सीधे खेत के बीच पहुंच गए। तहसीलदार ने अपने स्टाफ के साथ जल रही पराली को बुझाया। तत्काल लेखपाल को जुर्माना वसूल करने हेतु निर्देशित किया। जानकारी करने पर ज्ञात हुआ की हार्वेस्टर मे एसएमएस लगा हुआ था परंतु उसका बेल्ट उतार कर कटाई की। तत्काल सुंदरवल पुलिस चौकी से उपनिरीक्षक को बुलाकर हार्वेस्टर मालिक के विरुद्ध कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। पांच हजार का जुर्माना वसूल किया गया।
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प्रधान कसावल ने पेश की मिशाल, गांव भर की पराली भिजवाई गोशाला

तहसील मोहम्मदी ब्लाक पसगवां के ग्राम पंचायत कसावल के ग्राम प्रधान सिंताफ अली उर्फ ललई ने डीएम के आवाहन व कृषि महकमे के अनुरोध पर अनोखी मिशाल पेश की। उन्होंने पूरे गांव की खेतों की पराली को गौशाला पहुंचने का जिम्मा अपने कंधों पर उठाया है। यही नहीं वह स्वयं पराली को गौशाला तक पहुंचा रहे। उन्होंने गांव में डुगडुगी पिटवाकर इस बात की घोषणा करवाई की गांव के किसानों की पराली को गो आश्रय स्थल को पहुंचाएंगे।
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