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रविवार, 17 सितंबर 2023

प्रयागराज / साहित्यकार अंजलि श्रीवास्तव को मिली भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की सीनियर फेलोशिप

लोककथाओं की परम्परा, प्रासंगिकता और प्रयोग पर अंजलि करेंगी शोध
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प्रयागराज। लेखिका अंजलि श्रीवास्तव को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने देश की प्रतिष्ठित सीनियर फेलोशिप प्रदान की है। कला एवं संस्कृति के सम्वर्द्धन में उत्कृष्टतम योगदान प्रदाताओं को फेलोशिप दिए जाने की योजना के तहत मंत्रालय ने अंजलि का चयन किया है। संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सी.सी.आर.टी.) के निदेशक ऋषि वशिष्ठ द्वारा प्रेषित पत्र के माध्यम से उन्हें यह सूचना मिली है।
     प्रयागराज के फाफामऊ स्थित शान्तिपुरम (गद्दोपुर) की निवासिनी साहित्यकार अंजलि श्रीवास्तव को संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्राप्त फेलोशिप के तहत दो वर्ष में अपना शोधकार्य पूरा करना होगा। इस निमित्त उन्हें बीस हज़ार रुपए प्रतिमाह की अध्येतावृत्ति प्रदान की जाएगी। उनके स्वीकृत शोध-अध्ययन का विषय शीर्षक 'लोककथा : परम्परा, प्रासंगिकता और प्रयोग' है। अध्येता श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि इस शोधकार्य में विशेषज्ञ मार्गदर्शक के रूप में  लखनऊ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित रचनाधर्मी यदुनाथ सिंह मुरारी को नामित किया गया है।
      उल्लेखनीय है कि राजनीति विज्ञान की परास्नातक अंजलि श्रीवास्तव का एक काव्य संग्रह 'यही एक दरख्त था' के अतिरिक्त प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। उनकी दो पुस्तकें 'तस्वीर' कहानी संग्रह और ' बाल कहानियाँ' प्रकाशनाधीन हैं। उन्हें लखनऊ के प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा वर्ष २०२१ में 'उत्कृष्ट साहित्य लेखन सम्मान' से अलंकृत किया जा चुका है।
     चयनित अध्येता अंजलि श्रीवास्तव ने बताया कि फेलोशिप के तहत उनके शोध-अध्ययन का उद्देश्य लुप्तप्राय लोक-कथाओं का संकलन कर उनके संरक्षण का प्रयास करना है। इसके साथ ही वर्तमान में लोक-कथाओं की व्याप्ति, ग्राह्यता और स्वीकार्यता का आकलन कर आधुनिक जनसंचार माध्यमों में उनके समेकन और उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन करना है। इस तरह श्रीमती श्रीवास्तव संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदत्त देश की इस प्रतिष्ठित फेलोशिप के तहत लोककथाओं के वृहत्तर आयामों का अध्ययन कर श्रुति परम्परा की अनुपम धरोहर को सँजोने का कार्य करेंगी।
      श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि इस सफलता के पार्श्व में उनके पति विनोद कुमार श्रीवास्तव व आत्मीय स्वजनों का बड़ा योगदान है। सीनियर फेलोशिप मिलने की गौरवपूर्ण उपलब्धि पर रचनाधर्मी साहित्यकारों, आत्मीयजनों एवं लोकजीवन से जुड़े सुधीजनों ने बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

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