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रविवार, 13 अगस्त 2023

प्राथमिक विद्यालय रामापुर बना खीरी जिले का इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय

अतिरिक्त प्रयास, असरदार कार्य...खुद में मिसाल हैं पसगवां का पीएस रामापुर

● पूजा के जज्बे से बदली विद्यालय की सूरत, मिला "बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक" का खिताब

लखीमपुर खीरी 13 अगस्त। ब्लॉक पसगवा का परिषदीय विद्यालय रामापुर की प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अलग ही पहचान है। यहा की इंचार्ज प्रधानाध्यापक पूजा गुप्ता के अतिरिक्त प्रयास, असरदार कार्य मिसाल बन गए हैं। जिसका असर इनके विद्यालय में साफ नजर आ रहा। बच्चों को खेल गतिविधियों के द्वारा शिक्षण कराना पूजा की दिनचर्या बन चुकी है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल "बेस्ट स्कूल आफ द वीक" मुहिम के तहत इस सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ विद्यालय का खिताब इसी स्कूल को दिया गया है।

प्रधानाध्यापक, प्रधान, एसएमसी सदस्यों की कोशिश ने इस विद्यालय की रंगत ही बदल दी। विद्यालय के कमरों  शौचालय  एवं किचन में शानदार टायलीकरण  है। विद्यालय का स्वच्छ और सुंदर भवन बच्चों को लुभा रहा है। आज से कई वर्ष पूर्व वर्ष 2015 को पूजा गुप्ता की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय रामापुर में हुईं। उस समय बड़े पैमाने पर संसाधनों का अभाव था। पूजा ने धीरे धीरे विद्यालय को बदलने के लिए दृण इच्छा से कार्य शुरू किया। बाहरी आवरण को सुंदर बनाने के लिए समुचित रंगाई पुताई व पेंटिंग का कार्य कराया। बाहरी दीवारों पर विभिन्न मनमोहक चित्र, स्लोगन व कक्षा की दीवारों पर भाषा व गणित के विभिन्न रंग बिरंगे टीएलएम बनवाए।

विद्यालय में कंपोजिट ग्रांट एवं ग्राम पंचायत से बच्चो के बैठने के लिए डेस्क, बेंच की व्यवस्था की। कायाकल्प योजना से विद्यालय का टाइलीकरण, हैंडवाश स्टेशन, रिचार्ज पिट, समर्सेबल, रैंप रेलिंग, दिव्यांग सुलभ शौचालय, शौचालय में टाइलीकरण व जल आपूर्ति की व्यवस्था, किचन में टाइलीकरण,अनाज भंडारण हेतु टिन के ड्रम आदि की व्यवस्था हुई। कक्षा कक्ष में बच्चो के शिक्षण को अधिक रोचक बनाने के लिए रीडिंग कॉर्नर,भाषा गणित से संबंधित विभिन्न टीएलएम आदि भी बनाए गए। कक्षाकक्ष में निरंतर दीक्षा एप, रिडअलोंग एप का उपयोग किया जाता है। निपुण लक्ष्य एप का उपयोग कर बच्चो का मूल्यांकन भी किया जाता है। 

बताते चले कि वर्तमान में कायाकल्प के सभी 19 पैरामीटर्स का कार्य पूर्ण हैं। ग्राम रामापुर छोटा गांव है। यहां की जनसंख्या भी बहुत अधिक नहीं है। फिर भी विद्यालय की छात्र संख्या निरंतर स्थिर बनी है। बच्चों की उपस्थिति प्रतिदिन 80 फीसदी रहती है। प्रधान सहित अन्य गणमान्य नागरिकों के बच्चे विद्यालय में ही शिक्षा ग्रहण कर रहे। कोई भी बच्चा बाहर किसी निजी विद्यालय में नहीं जाता है। यह यहां की विशेषता है।

प्रिंसिपल पूजा ने स्कूल को बनाया हराभरा, बच्चे खुद करते हैं पेड़-पौधों की देखभाल :

इंचार्ज प्रधानाध्यापक पूजा ने जनसमुदाय के सहयोग से विद्यालय प्रांगण में विभिन्न पेड़ पौधे (आम, नीम, बरगद, पीपल, सागौन, अशोक, जामुन, शहतूत, अमरूद, नीबू, बेल व अन्य छायादार वृक्ष) लगाए। उनकी उचित देखभाल की व्यवस्था भी की। बच्चे स्वयं पेड़ पौधों की देखभाल करते हैं। कक्षा कक्ष के आस पास फुलवारी का निर्माण भी कराया गया है जिसमे कनेर, गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि शामिल है।

इं. प्रधानाध्यापिका पूजा गुप्ता का प्रयास सभी शिक्षकों के लिए मिसाल बन चुका है। अन्य शिक्षकों को भी पूजा गुप्ता से प्रेरणा लेकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बच्चों को शिक्षित करने के दायित्व को सिर्फ एक नौकरी समझकर नहीं बल्कि अपना कर्त्तव्य समझकर निभाया है। व्यक्तिगत रूप से विद्यालय की दशा संवारने व संसाधनों का इंतजाम करनेे के लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
● "प्रवीण तिवारी, बीएसए"

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