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सोमवार, 7 अगस्त 2023

प्रयागराज / अपना कार्यालय छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं एडीजी, गये छुट्टी पर

प्रयागराज कमिश्नरेट के नए कार्यालय की स्थापना को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) भानु भास्कर और पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा में खींचतान बढ़ गई है। एडीजी खुद को सीनियर बताते हुए पीएचक्यू का प्रथम तल छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। यहीं के रिकॉर्ड रूम को खाली कराकर पुलिस कमिश्नर का कार्यालय बनाया जा रहा है। इससे नाराज एडीजी छुट्टी पर चले गए हैं।अफसरों के बीच खींचतान का यह मामला सीएम कार्यालय तक पहुंच गया है। खुफिया विभाग ने भी इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी है। सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद तैनात किए गए पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने अपने कार्यालय में एक भी दिन बैठकर सरकारी कार्य नहीं किया है। अपर पुलिस आयुक्त पवन कुमार ही अपना सरकारी कामकाज दफ्तर में बैठकर निबटाते आए हैं।पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) के पुराने भवन में एडीजी जोन, पीएसी पूर्वी जोन के आईजी, क्षेत्रीय अभिसूचना इकाई, सतर्कता अधिष्ठान व सीबीसीआईडी के एसपी के साथ-साथ एटीएस और एसटीएफ के कार्यालय संचालित हैं। इसी भवन में कमिश्नरेट की स्थापना का आदेश डीजीपी विजय कुमार ने जारी किया है। इसके बाद एएसआई से संरक्षित पीएचक्यू के पुराने भवन में कमिश्नरेट कार्यालय की स्थापना शुरू की गई है। कई दफ्तर खाली कराए जा चुके हैं। क्षेत्रीय अभिसूचना इकाई के दफ्तर को मौखिक निर्देश पर ही खाली करा दिया गया है।इस बीच कई अफसरों ने दफ्तर छोड़ने में आनाकानी शुरू कर इससे स्थिति असहज हो गई है। भूतल पर जहां कमिश्नरेट की शिफ्टिंग कराई जानी है, वहीं एडीजी का कार्यालय है। एडीजी अपना,कार्यालय पुलिस कमिश्नर दफ्तर के लिए छोड़ने के बजाए छुट्टी पर चले गए हैं। शुक्रवार को उन्हें वापस आना था, लेकिन उन्होंने अवकाश बढ़ा दिया है। इससे असमंजस के बादल छा गए हैं। सूत्रों का कहना है कि कार्यालय शिफ्टिंग को लेकर एडीजी जोन ने शासन को पत्र भी लिखा है।कमिश्नरेट की शिफ्टिंग को लेकर अफसरों में खींचतान की शिकायत सीएम कार्यालय तक पहुंच गई है। खुफिया विभाग की ओर से भी इस खींचतान पर शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय के पुराने भवन में कमिश्नरेट की स्थापना को लेकर एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर के बीच सामंजस्य नहीं है। इस वजह से जनता परेशान है और सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। पूरे प्रकरण पर दोनों अफसर मौन है।

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