● इस रहस्यमयी शिवलिंग पर माँ गंगा 24 घण्टे करती हैं अभिषेक ! वैज्ञानिक भी हैं हैरान, मंदिर का हैंडपंप भी बना आकर्षण का केंद्र
झारखंड के रामगढ़ जिले में एक ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है.जहां 12 महीने 24 घण्टे शिवलिंग पर जलाभिषेक होता रहता है.आजतक इस बात का रहस्य कोई नहीं जान पाया कि ये जल आता कहां से है.मान्यता है कि शिवलिंग पर माँ गंगा अभिषेक करती हैं.इस मंदिर को टूटी झरना मन्दिर कहा जाता है.
झारखंड के रामगढ़ जिले में टूटी झरना मन्दिर का अनोखा रहस्य, आजतक नहीं जान पाया कहां से आता है जल इस शिव मंदिर में 12 मास 24 घण्टे शिवलिंग पर चढ़ता रहता है जल,मान्यता माँ गंगा स्वयं करती है अभिषेक हेंडपम्प से भी अपने आप पानी निकलता है,अद्भुत दर्शन से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.कई ऐसे रहस्यमयी, चमत्कारी शिव मंदिरों के बारे में सुना होगा, जिनका अद्भुत और अनोखा महत्व है. भारत के कोने-कोने में कई ऐसे प्रसिद्ध और दिव्य शिव मंदिर है, जहां दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. सावन का मास चल रहा है.हमारी टीम लगातार देश के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन के साथ ही, पौराणिक महत्व और इतिहास को भी बता रहा है. आज हम झारखंड के इस रहस्यमयी शिव मंदिर की बात करेंगे जिसकी मान्यता अद्भुत और अनोखी है.हर-हर महादेव के जयकारों के साथ सावन मास के दिनों में कांवड़िये नदियों का जल लेकर भोले के दरबार पहुंच रहे हैं. झारखंड के रामगढ़ जिले में एक ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है, जहां 12 महीने 24 घंटे शिवलिंग पर अपने आप जलाभिषेक होता रहता है. इस रहस्यमयी शिव मंदिर को टूटी झरना मन्दिर कहते हैं. साइंस भी हैरान है कि आखिर यह जल आता कहां से है,इस रहस्य को लेकर कई सवाल आते हैं. लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है. मान्यता है कि शिवलिंग का अभिषेक मां गंगा स्वयं करती हैं.सावन के दिनों में भक्तों का यहां दर्शन के लिए ताता लगा रहता है. पर्यटक स्थल होने के चलते यहां पर एक झरना भी है, जिसे लोग देखने के लिए आते हैं.मंदिर परिसर में हैंडपंप भी लगा हुआ है. इस हैंड पंप को चलाने की जरूरत नहीं पड़ती. इसमें भी पानी बराबर आता रहता है. दर्शन के लिए पहुंचने वाले भक्त यहां स्नान करके ही बाबा के दर्शन करते हैं.और यहां से प्रसाद के रूप में यह पवित्र जल लेकर अपने घरों में परिजनों को प्रसाद के रूप में देते हैं. ऐसा कहते हैं, कि यह जल कई प्रकार के औषधिवर्धक गुणों से भरपूर हैं.यहां कोई भी भक्त इस भगवान के इस अद्भुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी होती है.
यहां 1925 कब आसपास ब्रिटिश काल के दौरान रेल लाइन बिछाने का कार्य चल रहा था.तभी खुदाई के दौरान गुंबदाकार चीज़ दिखाई दी.जब उसे सही से खोदा गया तो शिवलिंग निकला और उसके ऊपर ठीक पानी का स्रोत जो सीधे उस शिवलिंग का अभिषेक कर रहा था.यह दृश्य देख अंग्रेज भी हैरान रह गए.जांच कराई की पानी का स्रोत कहाँ से आता है,आजतक इस बात का पता नहीं चल सका है.
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