सावन में आने वाली शिवरात्रि सबसे खास मानी जाती है। 15 जुलाई को सावन शिवरात्रि है। पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन सावन में हुआ था। इस दौरान भगवान शिव जी ने मंथन से निकले विष का पान कर लिया था। जिसके बाद भोलेनाथ असहज हो गए थे, तभी समस्त देवी-देवताओं ने भोलेनाथ पर जल अर्पित किया जिससे विष का असर कम हो गया। बांघबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज के अनुसार अगर सावन में पड़नी वाली शिवरात्रि के दिन शिव जी पर जल अर्पित करें तो आपके सभी दुख का नाश होगा।
हर साल सावन की शुरुआत से कांवड़ यात्रा शुरू प्रारंभ हो जाती है जिसका समापन सावन शिवरात्रि के दिन होता है। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने वालों पर महादेव की विशेष कृपा बरसती है। बांघबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज के अनुसार भगवान शिव का सबसे प्रवित्र दिन शिवरात्रि, सकारात्मक उर्जा का श्रोत है, इसलिए जल चढ़ाने के लिए पूरा दिन ही पवित्र और शुभ माना गया है। पर जल चढ़ाते समय आगे और पीछे की तिथि के संघ को ध्यान में रखें।
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