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शनिवार, 8 जुलाई 2023

शिक्षा विभाग आउट सोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण बंद किए जाने की उठी मांग

लखनऊ। मध्य प्रदेश के चीफ मिनिस्टर द्वारा संविदा कर्मचारियों को दिए गए सौगात के चलते एक पोस्ट ट्विटर पर की गई जिसमे प्रदेश अध्यक्ष आउट सोर्सिंग वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन वैभव मिश्रा द्वारा रिप्लाई करते हुए निवेदन किया गया की उत्तर प्रदेश सरकार आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण को बंद करवाने की कृपा करे। 

जिसमे सीएम उत्तर प्रदेश और प्रदेश शिक्षा मंत्री को टैग किया गया। हजारों की संख्या मैं इस रिप्लाई को देखा गया और आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने इसपर सहमति जताई। प्रदेश अध्यक्ष श्री मिश्रा ने कहा आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को 3-4 महीनों बाद 1-2 महीने का मानदेय दिया जा रहा है और कम्पनी द्वारा आउट सोर्सिंग कर्मचारियों का पीएफ अकाउंट भी नही खोला जा रहा है साथ ही ये भी कहा गया की ब्लॉक एमआईएस कोऑर्डिनेटर का भर्ती नोटिफिकेशन 16000₹ था मगर अभी मानदेय 14583₹ दिया जा रहा है वो भी प्रत्येक जिले में अलग अलग मानदेय दिया जा रहा है कही 9000₹ और कही 11000₹ और कही 12700₹ के करीब दिया जा रहा है। साथ ही आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को बीआरसी पर आने जाने का खर्च और परिवार को चलने मैं काफी दिक्कतो का समाना करना पड़ रहा है।

उन्होंने ने कहा कि जिला कोऑर्डिनेटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, सहायक लेखाकार, ब्लॉक एमआईएस कोऑर्डिनेटर, ब्लॉक क्वॉलिटी कोऑर्डिनेटर व अन्य आउट सोर्सिंग कर्मचारी द्वारा ही जिला परियोजना कार्यालय मैं समस्त जिलों का डाटा भेजा जाता है जिससे प्रदेश की शिक्षा सम्पूर्ण गतिविधिया सुचारू रूप से चलती है और ये सभी आउट सोर्सिंग कर्मचारी तन और मन से अपनी एक एहम भूमिका अदा करते है फिर भी सबसे अधिक शोषण का शिकार होते है। कम्पनी को जो पैसा दिया जाता है जिन्हे कुछ भी नही करना पड़ता है वो क्यू दिया जाता है जबकि कार्य सभी आउट सोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा किए जाते है, उनके इस रिप्लाई पर कई आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने रिप्लाई भी किया और कई बातो को सभी के सामने रखा गया और ये सभी बाते रखते हुए प्रदेश सरकार से इसको बंद करने की मांग सोशल मीडिया द्वारा की गई।

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