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शनिवार, 8 जुलाई 2023

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ प्रयागराज मेला प्राधिकरण की बैठक शरू

प्रयागराज---महाकुंभ 2025 में तीनों शाही स्नान की तिथियों की आज शनिवार दोपहर को घोषणा की जाएगी,,,आयुक्तालय स्थित गांधी सभागार में इसके लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और प्रयागराज मेला प्राधिकरण की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो गई ह,,,कुछ ही देर में इन तिथियों का एलान कर दिया जाएगा,,,इसके अलावा महाकुंभ के मद्देनजर कराए जा रहे कार्यों को लेकर अखाड़ा परिषद का मार्गदर्शन भी लिया जाएगा,,, कुंभ के पहले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के साथ बैठक की परंपरा रही है,,,इसी बैठक में शाही स्नान की तिथियों की घोषणा भी की जाती है,,,आज शनिवार को दिन में 11 बजे से शुरू हुई इस बैठक में प्रमुख स्नान तिथियों के साथ ही शाही स्नान की तिथि की घोषणा मिल जाएगी,,, बैठक में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के साथ ही डीएम संजय कुमार खत्री और महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद भी शामिल हैं,,, इस बैठक में महाकुंभ की वृहद कार्ययोजना से भी अखाड़ों के पदाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा,,,वर्ष 2019 के दिव्य कुंभ भव्य कुंभ के दौरान अखाड़ों के मठों-मंदिरों व आश्रमों का जीर्णोद्धार कराया गया था,,, महाकुंभ मेला में विशेष सुविधा के लिए अखाड़ों की ओर से प्रस्ताव रखने की तैयारी है,, इस बैठक के बाद महाकुंभ मेलाधिकारी कई परियोजनाओं के लिए कार्यस्थल का निरीक्षण करेंगे
तीन हफ्ते में होंगे तीन शाही स्नानवर्ष 2025 में महाकुंभ का महास्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू होगा,,, इसके अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति का स्नान होगा,,,जो पहला शाही स्नान होगा,,,इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का शाही स्नान और तीन फरवरी को वसंत पंचमी का तीसरा और अंतिम शाही स्नान संपन्न होगा,,, इस बार महाकुंभ 45 दिन का होगा,,,जिसमें 21 दिनों में तीनों शाही स्नान होंगे,,,अन्य प्रमुख स्नान पर्वों में चार फरवरी को अचला सप्तमी,,, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा व 26 फरवरी को महाशिवरात्रि शामिल हैं बैठक में हिस्सा ले रहे अखाड़ों के प्रतिनिधि बेठक में गुजरात से आए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री व निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास, अयोध्या से निर्वाणी अनी के महंत धर्मदास महाराज हिस्सा ले रहे हैं,,, महानिर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत व अखाड़ा परिषद के सचिव यमुनापुरी, बड़ा अखाड़ा उदासीन से महंत महाशिवानंद, नया उदासीन अखाड़ा से जगतार मुनि, निर्मल अखाड़ा से महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, निरंजनी अखाड़ा से ओमकार गिरिर, आनंद अखाड़ा से राजेश्वरानंद, अटल अखाड़ा से बलराम भारती शामिल हो रहे हैं।

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