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शनिवार, 22 जुलाई 2023

प्रयागराज / स्मार्ट मीटर जिन पर चोरी रोकने का जिम्मा, वही करा रहे है पैसे लेकर बिजली चोरी

प्रयागराज। उपभोक्ताओं की सहूलियत और बिजली चोरी को रोकने के उद्देश्य से लगाए गए स्मार्ट मीटर में भी खेल होने लगा है। खास बात यह है कि यह खेल करने वाले कोई और नहीं बल्कि उसी निजी कंपनी के कर्मचारी हैं, जिन्हें स्मार्ट मीटर की रखरखाव का जिम्मा सौंपा गया है।विभाग ने ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 67 कर्मचारियों की पहचान की है। कहा जा रहा है कि यह काम गिरोह बनाकर किया जा रहा है। बिजली विभाग इसकी जांच कर रहा है। बहुत जल्द इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। यह मामला पिछले महीने यानी जून में तब पकड़ में आया जब बिजली विभाग की जांच में करेलाबाग, नैनी और रामबाग के 53 उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर में बाइपास कर बिजली की चोरी पकड़ी गई। इतनी बड़ी संख्या में हुए बाईपास से विभाग के अफसरों का माथा ठनका तो उन्होंने इसकी जांच शुरू की तो मामला सामने आया। एक-एक करके निजी कंपनी के ऐसे 67 कर्मचारियों की पहचान हुई है, जिनकी मिलीभगत से बाइपास कर बिजली की चोरी की जा रही थी। विभागीय अधिकारियों की जांच में पता चला है कि बिजली का काम जानने वाले निजी एजेंसी के कर्मचारियों का एक गैंग सक्रिय है। 
ये लोग कनेक्शनधारियों से पैसे लेकर खास टेक्निक से टर्मिनल के पास अतिरिक्त तार जोड़कर स्मार्ट मीटर की रफ्तार को धीमा कर देते हैं। इससे उपभोक्ताओं के मीटर की चाल करीब 50-60 फीसदी तक कम हो जाती है और हजारों रुपए राजस्व का नुकसान होता है। विभाग के अफसरों को स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ का शक बिजली के बिल में आई कमी की वजह से ही हुआ था, जिसके बाद जून में हुई जांच में 53 उपभोक्ताओं के मीटर में चोरी पकड़ी गई थी। मुख्य अभियंता विनोद कुमार गंगवार का कहना है कि स्मार्ट मीटर में बाइपास कर बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। मीटर बाइपास करने वाले कर्मचारियों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ भी केस दर्ज होगा।

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