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मंगलवार, 13 जून 2023

एक्टिव एनजीओ ग्रुप ने गोष्ठी वार्ता आयोजित कर किया पर्यावरण संरक्षण पर चिंतन

             
दैनिक जनजागरण न्यूज
नोएडा। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर नोएडा स्टेडियम में एक्टिव एनजीओ ग्रुप के द्वारा गोष्ठी वार्ता का आयोजन किया गया। गोष्ठी वार्ता में “पर्यावरण के संरक्षण में हमारी भूमिका” को लेकर चर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नवरत्न फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अशोक श्रीवास्तव ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में नोएडा विधायक पंकज सिंह रहे।

कार्यक्रम में डॉ अशोक श्रीवास्तव ने एक्टिव एनजीओ ग्रुप के सभी सदस्यों के कार्यों के बारे में बताया और सभी सदस्यों का एक दूसरे से परिचय भी कराया। उन्होंने बताया कि किस तरह से यह सभी एनजीओ समाज के निर्माण पर्यावरण के संरक्षण और प्रकृति से जुड़े सभी कार्यों में संलग्न है। साथ ही पर्यावरण को बचाने के लिए इस ग्रुप की क्या भूमिका होनी चाहिए। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में समाज के उत्थान लिए सदैव से तत्पर और अतिसक्रिय युवा समाजसेवी ऐक्टिव एनजीओ ग्रुप के एडमिशन व अधिवक्ता रंजन तोमर का अतिविशिष्ट योगदान रहा। इस दौरान अलग अलग एनजीओ के अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने अपने-अपने एनजीओ का विवरण देते हुए विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रकृति को संरक्षित करने के लिए अनेकों सुझाव प्रस्तुत किए साथ ही आगे भी साथ मिलकर सक्रियता से काम करने का आश्वासन दिया। गोष्ठी वार्ता कार्यक्रम में नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में  में कहा की पर्यावरण किसी व्यक्ति विशेष के लिए ना होकर यह समस्त ब्रह्मांड के लिए है तो इसकी जिम्मेदारी भी सभी की है इसीलिए जो व्यक्ति जितना अपने स्तर पर कर सकता है उसे पर्यावरण के लिए उतना प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सभी एनजीओ ग्रुप को सुझाव देते हुए कहा कि आप अपने स्तर पर कार्य करने के साथ-साथ कुछ कार्यों को एकजुटता के साथ करने का प्रयास करें यानी ऐसे कार्य जिसमें सभी एनजीओ की सक्रिय भूमिका हो, इससे लक्ष्य की प्राप्ति कम मुश्किल भरी होगी। उन्होंने युवा पीढ़ियों के अंदर पर्यावरण को लेकर जागरूकता करने की सलाह दी। उन्होंने कहा इस कार्य की शुरुआत आज जिस स्तर से हो रही है यह स्तर एक बड़े मुकाम में तब्दील होगा। 
कार्यक्रम में आयुर्वेदाचार्य अच्युत कुमार त्रिपाठी ने भी प्रकृति के महत्व को समझाते हुए प्रकृति के संरक्षण का आग्रह किया उन्होंने बताया कि हमारी भारतीय संस्कृति की परंपराओं में पीपल जैसे वृक्षों की उपासना की जाती है, जो प्रकृति का अहम हिस्सा है।

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