बिजनौर। यूपी पुलिस को मंगलवार देर रात बड़ी सफलता मिली। पुलिस ने बिजनौर जिले के स्योहारा में ढाई लाख के इनामी बदमाश आदित्य राणा और उसके कुछ साथियों को घेर लिया। दोनों तरफ से फायरिंग हुई। मुठभेड़ में पुलिस ने आदित्य राणा को मार गिराया। इस मुठभेड़ में 6 पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। इन सबका इलाज चल रहा है। आदित्य राणा बिजनौर के नंगला का रहने वाला था। उस पर हत्या और लूट के 40 से ज्यादा केस कई थानों में दर्ज हैं। 23 अगस्त 2022 को आदित्य राणा को पुलिस एक केस की पेशी में लखनऊ जेल से बिजनौर लाई थी। लौटते वक्त शाहजहांपुर जिले में वो फरार हो गया था।आदित्य राणा का फाइल फोटो
आदित्य राणा के फरार होने के बाद उस पर पुलिस ने ढाई लाख का इनाम घोषित किया था। उसे प्रदेश स्तर का माफिया भी घोषित किया गया था। बिजनौर के एसपी नीरज जादौन ने बताया कि पुलिस की एसओजी टीम को आदित्य राणा और उसके साथियों के बारे में जानकारी मिली थी। पता चला था कि ये सभी बुढ़नपुर मार्ग पर हैं। इनको टीम ने घेरा। जिसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग हुई। उन्होंने बताया कि आदित्य के साथ जो बदमाश थे, वे सभी फरार होने में कामयाब हो गए। इनकी तलाश भी जारी है। पुलिस ने इससे पहले आदित्य राणा गैंग के तमाम लोगों को गिरफ्तार किया था। आदित्य से मुठभेड़ में स्योहारा एसओ राजीव चौधरी, उनके हमराह अजय कुमार फौजी, एसओजी के इंस्पेक्टर जयवीर सिंह, सिपाही रईस और अरुण घायल हुए हैं।नौ साल पहले अपराध की दुनिया में सक्रिय हुए आदित्य राणा उर्फ रवि पर 41 मुकदमे दर्ज हुए। बिजनौर के स्योहारा थाने में पंजीकृत गैंग डी-27 का सरगना भी आदित्य राणा है। आदित्य राणा साल 2013 में हत्या में पहली बार जेल गया, इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध की दुनिया में कुख्यात हो गया। उसने अपने ही गांव में दो भाइयों की एक साल के भीतर ही हत्या कर सनसनी फैला दी थी।
स्योहारा थाना क्षेत्र के कासमाबाद में 11 दिसंबर 2013 को धर्मवीर की हत्या की हुई थी। जिसमें आदित्य समेत चार के खिलाफ केस दर्ज करते हुए जेल भेजा गया। उस वक्त आदित्य का सीआरपीएफ में चयन हो गया था, लेकिन हत्याकांड में नाम आने के बाद वह ट्रेनिंग पर नहीं जा सका। आदित्य अपने कॉलेज का धावक भी रहा है।यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से बदमाशों पर यूपी पुलिस काल बनकर टूटी है। यूपी में बीते 6 साल में पुलिस और बदमाशों के बीच 10000 से ज्यादा मुठभेड़ हो चुकी हैं। इनमें अब तक 64 अपराधी मारे जा चुके हैं। सबसे ज्यादा बदमाश मेरठ जिले में ढेर हुए। इसके बाद आगरा का नंबर है। सीएम योगी ने साफ कह रखा है कि अगर बदमाशों ने अपना तौर-तरीका न बदला, तो उनको छोड़ा नहीं जाएगा। योगी सरकार के दौर में तमाम बदमाश थाने जाकर सरेंडर भी कर चुके हैं।
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