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गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

प्रयागराज / माफ़िया अतीक अहमद के खास गुर्गे ने दी धमकी

प्रयागराज ( एल एन सिंह)। माफ़िया अतीक अहमद के खास गुर्गे असाद कालिया ने फिर से रंगदारी के लिए एक और वकील को फोन पर धमकी दी है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़ित वकील वकार अहमद ने करेली थाने में तहरीर दी है। वकील की शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है। बता दें कि हाल ही में प्रयागराज में हुए वकील उमेश पाल के हत्याकांड में भी अतीक अहमद और उसके गुर्गे शामिल थे। जिसमें से कई आरोपियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो अतीक की पत्नी और बेटा अभी भी फरार है। इतने बड़े हत्या कांड को अंजाम देने के कुछ ही दिनों बाद अतीक के गुर्गे अब फिर से रंगदारी के काम में एक्टिव हो गए हैं। जानकारी है कि खुल्दाबाद के रहने वाले वकील वकार अहमद आज अपने भाई मोहम्मद अहमद के साथ करेली के बिरमपुर में अपने साले के प्लाट पर गए थे। पीड़ित वकार के मुताबिक उसी वक़्त दमुपुर का रहने वाला इरशाद और उसके साथ कुछ अज्ञात लोगों ने आकर पूछताछ शुरू कर दी। सभी ने इस दौरान धमकी दी कि अगर प्लाट चाहिए तो असाद को 10 लाख रुपये देना होगा। पीड़ित वकील के मुताबिक इस दौरान इन लोगों ने पिस्टल सटा कर जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं गुर्गों ने व्हाट्सऐप कॉल करके वकील की असाद से बात कराई। कॉल पर वकील को असाद ने धमकी दी कि उमेश पाल भी वकालत करता था लेकिन नहीं बच सका। इसलिए जो कहा जाए वो करो। पीड़ित वकील ने असाद सहित कई लोगों के खिलाफ करेली थाने में FIR दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। हालांकि अभी FIR दर्ज नहीं हुई है। करेली SO के मुताबिक जांच की जा रही है, अगर घटना की पुष्टि होगी तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि प्रयागराज में 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा कर्मियों की दिनदहाड़े गोली मारकर 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। प्रयागराज में साल 2015 के हत्याकांड में उमेश पाल एक अहम गवाह थे, जिसमें अतीक अहमद और अन्य को मुख्य आरोपी बनाया गया है।

अतीक के घर से मिले रजिस्टर में कोड वर्ड में मिले नाम :
प्रयागराज माफिया अतीक अहमद के घर से मिले रजिस्टर में नेताओं और प्रापर्टी डीलरों के भी नाम दर्ज हैं। इसके साथ ही इसमें अतीक और गिरोह के तमाम लोगों के नाम कोड वर्ड में रखे गए थे। जैसे अतीक को बड़े और अशरफ के लिए छोटे लिखा था। असद को राधे और गुलाम को उल्लू नाम दिया गया था। माफिया अतीक अहमद के ध्वस्त घर में मिले रजिस्टर से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रजिस्टर में कई नेताओं और प्रापर्टी डीलरों के नाम लिखे हैं। उमेश हत्याकांड में शूटरों के भी नाम उसमें है। अतीक परिवार ने हाल फिलहाल जिन लोगों को रुपये दिए थे, उनके नाम इस रजिस्टर में दर्ज हैं।  सूत्रों के मुताबिक पिछले दिसंबर और जनवरी में अतीक की पत्नी शाइस्ता ने 40 से 50 लाख रुपये खर्च किए थे। यह वही समय था जब शाइस्ता मेयर पद के लिए टिकट का प्रयास कर रही थी। उमेश हत्याकांड में रेकी करने वाले नियाज, मो. सजर, अरशद कटरा, अतीक के मुंशी राकेश लाला और ड्राइवर कैश अहमद को पुलिस ने मंगलवार को छह घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था। 
राकेश लाला की निशानदेही पर पुलिस ने चकिया में अतीक के ध्वस्त घर से एक बैग बरामद किया था। बैग में एक रजिस्टर, आधार कार्ड और एक आईफोन बरामद हुआ था। रजिस्टर की जांच में पुलिस को कई खुलासे हुए हैं। अतीक और गिरोह के तमाम लोगों के नाम कोड वर्ड में रखे गए थे। जैसे अतीक को बड़े और अशरफ के लिए छोटे लिखा था।  असद को राधे और गुलाम को उल्लू नाम दिया गया था। इसके अलावा कई नेताओं के नाम भी रजिस्टर में दर्ज है। सात प्रापर्टी डीलरों और कुछ बिल्डर के भी नाम रजिस्टर में दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक अतीक की पत्नी शाइस्ता ही अतीक के आर्थिक साम्राज्य को संभाल रही थी। जिसको पैसे दिए गए, उसके नाम के सामने पैसे भी लिखे हैं।  दिसंबर और जनवरी में ही शाइस्ता मेयर पद के लिए टिकट के लिए प्रयासरत थीं। अतीक के मुंशी राकेश लाला और ड्राइवर कैश अहमद ने बताया कि शाइस्ता परवीन ही अपने बेटे असद के माध्यम से पैसों का लेनदेन करती थीं। उमेश हत्याकांड से पहले और बाद में शूटरों और उनके परिवार वालों को लाखों रुपये शाइस्ता ने दिए थे।  हत्याकांड के बाद साबिर के घर वालों को एक लाख और अरमान के भाई को 50 हजार पहुंचाए गए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रजिस्टर में जितने लोगों के नाम लिखे हैं। सबकी सूची तैयार की जा रही है। उनसे पूछताछ की जाएगी। उमेश पाल की हत्या के लिए जिन शूटरों को चुना गया था, उनकी अतीक के घर में कई बार बैठक हुई थी। उनसे बताया गया था कि उमेश के कारण ही अतीक और परिवार वाले मुसीबत में हैं। सबसे वादा किया गया था कि काम होने के बाद उन्हें लाखों रुपये और कार दी जाएगी। सभी को पहले से ही आईफोन और पेशगी के रूप में रुपये दिए गए। मुंशी राकेश लाला ने पुलिस से बताया था कि सबको अलग अलग राशि दी गई थी।


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