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बुधवार, 22 मार्च 2023

धान के बेमौसम बरसात से गेहूँ, मसूर की फसल चौपट होने का अंदेशा

खल्ले में खेती करने वाले किसानों के गन्ने की बोवाई प्रभावित
 ● गन्ना बोवाई को हजारों खर्च कर खेत तैयार कर गिराया बीज, खेत जलमग्न

● तैयार खेत में बोवाई के लिए डाली गई गन्ने की बीज पानी में डूबी हुई

सम्पूर्णानगर। तराई में स्थित सम्पूर्णानगर क्षेत्र में दो दिनों से  बिना मौसम हो रही बरसात के चलते क्षेत्रीय किसानों को तगड़ा झटका लगा है। बिन मौसम जमकर हो रही बरसात के चलते क्षेत्र में  गेहूँ, मसूर, मक्का आदि की फसलों को  नुकसान होने का अंदेशा किसानों को तो सता ही रही है । इधर इन दिनों क्षेत्र के किसान गन्ने की बिजाई में लगे हुए हैं कुछ  किसानों ने  गन्ने की फसल बो ली है, तो वहीं कुछ किसान अभी  गन्ने की  बोवाई करने में लगे हुए हैं, वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जो पैसे के अभाव में अभीतक गन्ने की बिजाई नहीं कर पाए हैं। क्षेत्र के बसही, कृष्णानगर, रानीनगर, मझरा, गोविंदनगर, भानपुरी कालोनी,कमलापुरी के जिन किसानों के खेतों की मिट्टी मटियार है तथा उनके खेत खल्ले( निचले ) हिस्सों में हैं और उन्होंने बीते दो सप्ताह पूर्व के बीच गन्ने की बोवाई की है गन्ना जमा नहीं है उन खेतों में पानी खड़ा होने से गन्ने का बीज सड़ने का डर है यदि ऐसा होता है तो ऐसे किसानों की अगली फसल तो चौपट होगी ही , बोवाई में जो लागत आई है वह भी डूब जाएगा।

 अशोक आर्या निवासी भानपुरी बीते दो वर्षों से धान की फसल तैयार होने के बाद बाढ़ और बारिश में डूबकर बर्बाद हो ही रही थी, ऊपर से दो दिनों से बिन मौसम खूब हो रही बारिश गेहूँ और मसूर की फसल भी बर्बाद करके ही मानेगी। जब पहले फसल नष्ट होने पर कोई मुआवजा नहीं मिला, तो आगे   मुआवजे की क्या उम्मीद करें।

 कृषक सेतुबन्धु ने बताया चीनी मिल को गन्ना भेजे काफी समय हो गया। भुगतान  मिलने की आस लगाए बैठा था कि पैसा मिलेगा तो गन्ने की बोवाई करूँगा। परन्तु जल्द भुगतान न मिलता देख जैसे -  तैसे सवा एकड़ खेत गन्ना बोवाई के लिए तैयार कराया था। सोमवार को गन्ना बोने की तैयारी कर रहा था खेत में एक दिन पहले बीज भी गिरा दी थी सुबह बूंदाबांदी देख मंगलवार को बोवाई करने का मन बनाया परन्तु आज की बारिश ने गन्ना बोने की सारी उम्मीदें तोड़कर रख दी । जुताई की लागत भी डूब गई। मटियार मिट्टी होने के बावजूद खेत जल्दी सूख भी गया तो पैसे के अभाव में बोवाई कैसे होगी ?
                  कृषक बंटी सरदार
कृषक हरचरण सिंह मिर्चिया-  बिना मौसम बारिश के चलते गेहूँ की कुछ फसल गिर गई है। मसूर बोई है ऐसे ही बारिश होती रही तो धान के बाद गेहूँ और मसूर की फसल भी बर्बाद हो जाएगी। गन्ना खेत में खड़ा है बारिश के चलते छिलाई - ढुलाई सब बन्द है। समय से गन्ने का खेत खाली नहीं हुआ तो गन्ने की बची बोवाई प्रभावित तो होगी ही अगले वर्ष गन्ना कमजोर हो जाएगा।

कृषक एवं एडवोकेट विमल कुमार रानीनगर ने बताया कि- खेत में सरसो की फसल बोई थी फसल कटने के बाद खेत में नमी की कमी को देखते हुए पिछले सप्ताह पानी चलाया था। आज गन्ना बोवाई के लिए खेत तैयार करने का विचार था परन्तु कल बूंदाबांदी के बाद बीती रात से हो रही बारिश के चलते गन्ना बोवाई कर पाने की सम्भावना कम ही है।

कृषक खलील अंसारी कृष्णानगर ने बताया- डेढ़ एकड़ खेत को गन्ना बोवाई करने के लिए कई दिन से तैयार कर रहा था लगभग 15 हजार रुपये खेत बनाने में खर्च हो गए रविवार को खेत में बीज गिरा दिया सोमवार को हल्की बारिश हुई तो अगले दिन गन्ना बोने का मन बनाया परन्तु आज की बारिश के चलते खेत में पानी खड़ा हो गया सारी मेहनत बेकार चली गई। दो वर्षों  बारिश और बाढ़ ने हम किसानों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। शासन से मुआवजा भी नहीं मिल रहा । चीनी मिल समय से भुगतान नहीं कर रही क्या करें।

संवाददाता- गोविन्द कुमार, सम्पूर्णानगर

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