बुंदेलखंड में गोरखगिरि पर्वत पर स्थित शिव तांडव प्रतिमा की तरह ही एलोरा की गुफा में भी प्रतिमाएं हैं। यहीं गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्य दीपकनाथ ने तप किया था और प्रतिमा का जिक्र कर्म पुराण में भी मिलता है। उत्तर प्रदेश के महोबा में भगवान शिव तांडव प्रतिमा व मंदिर उत्तर भारत में अनोखा है। इसका निर्माण चंदेल शासक नान्नुक ने 11वीं सदी में कराया था। गोरखगिरि की उत्तर पाद भूमि में ग्रेनाइट शिला पर भगवान भोलेनाथ की महाकाल की मुद्रा में तांडव नृत्य करती 10 भुजी गंजातक (गजानन) प्रतिमा के दर्शन के लिए हजारों भक्त पहुंचते हैं। मान्यता है कि गजासुर के वध के बाद शिव जी ने जो नृत्य किया था, वही शिव तांडव के नाम से प्रसिद्ध हुआ। महोबा का इतिहास पुस्तक में बुंदेलखंड के महोबा में स्थित पवित्र स्थलों का जिक्र मिलता है। इनमें से ही एक है गोरखगिरि, जहां त्रेता युग में वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम ने सीता व लक्ष्मण के साथ कुछ समय बिताया था। गुरु गोरखनाथ एवं उनके शिष्य दीपकनाथ के तप ने इस पहाड़ को तेज प्रदान किया। इसी पर्वत के नीचे भगवान शिव की तांडव करती सिद्ध प्रतिमा स्थापित है। यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। मान्यता है सच्चे मन से शिव प्रतिमा की पूजा अर्चना करने से महाकाल अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं। इतिहासकार के मुताबिक, शिवजी की यह प्रतिमा एक चट्टान पर उकेरी गई है। इसका वर्णन कर्म पुराण में भी मिलता है। इस तरह की गजांतक प्रतिमाएं महाराष्ट्र में एलोरा की गुफा में भी हैं।
बुधवार, 15 फ़रवरी 2023
Home
/
धार्मिक
/
बुंदेलखंड में उत्तर भारत का अनोखा शिव मंदिर महोबा: कर्म पुराण में जिक्र और एलोरा की गुफा जैसी हैं प्रतिमाएं
बुंदेलखंड में उत्तर भारत का अनोखा शिव मंदिर महोबा: कर्म पुराण में जिक्र और एलोरा की गुफा जैसी हैं प्रतिमाएं

About दैनिक जनजागरण न्यूज
दैनिक जनजागरण यह एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल है, दैनिक जनजागरण पोर्टल के माध्यम से आप सभी प्रकार की खबरें अपने फ़ोन स्क्रीन पर आसानी से पढ़ सकते हैं, लाइव ब्रेकिंग न्यूज़, नेशनल, इन्टरनेशनल न्यूज़, स्पोर्ट्स , क्राइम, पॉलिटिक्स इत्यादि खबरें रोजाना प्राप्त करें..जुडे रहें दैनिक जनजागरण के साथ अपडेटेड रहे सभी प्रकार के ख़बरों से।
धार्मिक
Tags:
धार्मिक
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments