लखनऊ में रिटायर्ड डीआईजी की पत्नी अलका मिश्रा को अब आजीवन सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा। 18 साल पुराने मालती शर्मा हत्याकांड में कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई । अलका मिश्रा डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी हैं। अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद से वह पिछले दो साल से फरार चल रही थी। अलका मिश्रा को रविवार 11 दिसम्बर 2022 देर शाम गाजीपुर से लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
कहानी 7 जून 2004 को लखनऊ के सर्वोदय नगर में मालती शर्मा की हत्या से शुरू होती है। मालती भाजपा नेता और जौनपुर की रहने वाली थीं। वह लखनऊ की राजनीति में सक्रिय थीं। वह उस समय महिला मोर्चा की नगर सचिव थीं। माना जा रहा है कि इस वजह से डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वह खुद भी उस वक्त बीजेपी की नेता थीं। उस वक्त वह विकास नगर की पार्षद थीं। बाद में अलका मिश्रा भाजपा के अवध क्षेत्र की उपाध्यक्ष थीं। राजनीतिक वर्चस्व की नफरत की जंग में मालती की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
मालती के पति प्रेमनाथ शर्मा ने इस मामले की रिपोर्ट 8 जून 2004 को इंदिरा नगर के गाजीपुर थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 जून की रात 8.30 बजे मालती डॉक्टर धवन के क्लीनिक पर दवा लेने गई थी। उनके साथ गाजीपुर थाने के कांस्टेबल राजकुमार राय भी थे। वह मालती की सुरक्षा में तैनात था। देर रात तक जब मालती नहीं लौटी तो पति प्रेमनाथ ने उसे काफी खोजा लेकिन कुछ पता नहीं चला। बाद में सूचना मिली कि कुकरैल बांध पर एक महिला की लाश मिली है। प्रेमनाथ वहां पहुंचे तो देखा कि शव मालती का है।प्रेमनाथ ने सिपाही राजकुमार राय और रोहित सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी जांच शुरू हुई। सबसे पहले कांस्टेबल रोहित सिंह को हिरासत में लिया गया। जांच में पता चला कि हत्या में रोहित सिंह, राजकुमार, आलोक दुबे और बीजेपी नेता अलका मिश्रा शामिल हैं। वजह थी अलका मिश्रा और मालती के बीच राजनीतिक दुश्मनी। इसके बाद इन तीनों के नाम एफआईआर में बढ़ा दिए गए।तत्कालीन एसपी गोमती राजू बाबू सिंह व सीओ क्राइम राजेश्वर सिंह ने सिपाही राजकुमार राय व अलका के करीबी रोहित यादव को गिरफ्तार कर उस समय हुई हत्या का खुलासा किया। राजकुमार और सिपाही रोहित के बयान के बाद ही अलका मिश्रा पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था। खुलासा हुआ कि मालती की हत्या की साजिश अलका मिश्रा ने रची थी। काफी छानबीन के बाद पुलिस ने हत्या में अलका मिश्रा के शामिल होने के सबूत जुटाए थे। राजकुमार और रोहित ने अपने बयान दर्ज कराए। लेकिन अलका मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद वह पिछले 2 साल से फरार चल रही थी।अलका के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। उनके घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। इसके बाद पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही थी, काफी जद्दोजहद के बाद रविवार को लखनऊ पुलिस ने अलका को गाजीपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। अलका को कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में अलका मिश्रा, आरक्षक राजकुमार, आलोक दुबे और रोहित सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। एडीजे विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों को ध्यान में रखते हुए मालती के वारिसों को मुआवजा देने को कहा है। इसलिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी जांच कर सही वारिसों के नाम सामने लाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने फैसले की कॉपी डीएम लखनऊ को भी भेजी है। मालती शर्मा हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आरक्षक राजकुमार राय को आजीवन कारावास, मालती शर्मा के अपहरण के आरोप में 10 वर्ष व घटना की साजिश रचने के आरोप में आजीवन कारावास के साथ ही आर्म्स एक्ट में चार वर्ष की सजा सुनाई है।इस आरोपी पर कोर्ट ने अधिकतम 35 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। इसी तरह अलका मिश्रा और आलोक दुबे पर हत्या की साजिश रचने के आरोप में अदालत ने 10-10 हजार रुपये का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रोहित सिंह को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और आर्म्स एक्ट मामले में तीन साल के कठोर कारावास के अलावा 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments