प्रयागराज, श्रीमज्ज्योतिष्ठपीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज के संरक्षण एवं सान्निध्य में श्री ब्रह्म निवास भगवान आदि शंकराचार्य मंदिर में पूर्व शंकराचार्यों (गुरूओं) की स्मृति में आयोजित नौ-दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में बोलते हुए कथा व्यास पं0 पूज्य आचार्य श्री जितेन्द्र नाथ महाराज, श्रीनाथपीठ, श्रीदेवनाथ मठ, सुर्जी अंजनगांव अंजनीग्राम, जिला अमरावती ने बताया कि भगवान ने मनुष्य बनाया है, जिसे अपनी सन्तान की तरह मानता है और कभी उसका दुःख नहीं देख सकता, उसका प्यार माँ-बेटे की तरह है। मनुष्य को भी प्रतिदन प्रेमभक्ति के साथ ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। ईश्वर प्राप्ति का ज्ञान व मार्ग गुरू बताता है, इस गुरू के चरणों की वन्दना करना चाहिए।पूज्य व्यास आचार्य श्री जितेन्द्र नाथ महाराज श्रीनाथपीठ ने संगीतमय शैली में श्रीमद्भागवत कथा के गूढ़ तत्वों का बड़ा ही सरल चित्रण करते हुए बताया कि सामान्य साधक भी भक्ति-साधना का पुरूषार्थ करके स्वयमेव महान पुरूष हो जाता है। विभिन्न लोकों में होते हुए बैकुण्ठ लोक में भगवान की शरण में पहुँच जाता है। भगवान शुकदेव जी द्वारा सुनाई कथा का प्रसंग वर्णन करते हुए बताया कि जो मनुष्य वाणी, मन और विषय आदि पर नियंत्रण कर लेता है-तब वह समाधिस्थ हो जाता है। भगवान शंकर द्वारा पार्वती को सुनाई गई कथा का भी हृदयस्पर्शी वर्णन किया।कथा के प्रारम्भ में श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने श्री नारायण एवं पूज्य ब्रह्मलीन शंकराचार्य का पूजन अर्चन कर व्यास पीठ पर माल्यार्पण किया। कथा के अन्त में अपने आशीर्वचन में शंकराचार्य जी ने बताया कि सनातन- वैदिक धर्म का मूल गुरू परम्परा है जो श्री नारायण, ब्रह्मा जी, शंकर जी से चलकर भगवान शंकराचार्य जी से होती हुई वर्तमान स्थिति में स्थापित व प्रचलित है। कथा के अन्त में ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी एवं श्रीमद्भागवत महापुराण व व्यासपीठ की आरती करके प्रसाद वितरण किया गया।
श्री आराधना महोत्सव कार्यक्रम में पंजाब, महाराष्ट्र, जयपुर, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों भक्तों ने कथा श्रवण का लाभ लिया।
कथा में प्रमुख रूप से दण्डी स्वामी शंकरानंद सरस्वती, दण्डी स्वामी शिवानंद सरस्वती, दण्डी स्वामी विनोदानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी आत्मानंद जी, पं0 शिवार्चन उपाध्याय शास्त्री, आचार्य अभिषेक मिश्रा, आचार्य विपिन मिश्रा, वेद प्रकाश शर्मा नोएडा, राम आधार शर्मा नोएडा, राजेश राय, सीताराम शर्मा जयपुर, लालमणि तिवारी-प्रान्तीय संगठन मंत्री (गोरक्षा विभाग), दिलीप चौरसिया आदि उपस्थित रहे।
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