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सोमवार, 12 दिसंबर 2022

खीरी खबर / शुरुआती लक्षण वाले लोगों को फाइलेरिया से बचाएगा "प्री टास" अभियान ... पढ़ें

लखीमपुर, 12 दिसंबर 22।  फाइलेरिया रोग के संक्रमण का पता लगाने के लिए जनपद में प्री टास(ट्रांसमिशन एसेस्मेंट सर्वे) चल रहा है। इस अभियान के तहत 20 साल से ऊपर की उम्र के लोगों की जांच की जा रही है। यह अभियान 20 दिसंबर को पूरा हो जाएगा। 
सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि इस अभियान में अभी जिला मुख्यालय के अलावा पाँच ब्लॉक को लिया गया है। जिसमें अब तक करीब 2924  लोगों की जांच की जा चुकी है। इस जांच में 174 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि पॉजिटिव पाए गए लोगों में फाइलेरिया के सिर्फ शुरुआती लक्षण मिले हैं। पॉजिटिव पाए गए मरीजों को दवाएं भी दी जा रही है। 
जिला मलेरिया अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सितंबर माह में नाइट ब्लड सर्वे अभियान शुरू हुया था। इस अभियान में जिन ब्लॉक में फ़ाईलेरिया का एक भी रोगी नहीं मिल था वहाँ पर प्री टास अभियान चलाया जा रहा है। यहाँ पर कुछ समय के बाद नाइट ब्लड सर्वे चलाया जाएगा ताकि  फाइलेरिया रोग की पुष्टि हो सके।
जिले में प्रीटास अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत शहर में अब तक 484 लोगों की जांच की गई है। जिसमें 25 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा बिजुआ ब्लॉक में 395 लोगों की जांच के बाद 33 लोगों के फाइलेरिया के शुरुआती लक्षण मिले हैं। इसी तरह मितौली में हुई 450 लोगों की जांच रिपोर्ट में 9 लोग पॉजिटिव निकले हैं। इसके अलावा निघासन में 576 में से 47, मोहम्मदी में 500 लोगों में से आठ और बांकेगंज ब्लॉक में 519 लोगों की जांच रिपोर्ट के बाद 19 लोग पॉजिटिव मिले हैं। इन लोगों को दवाएं भी दी जा रही हैं।
दवा लेने के बाद फाइलेरिया से बच जाएंगे पॉजिटिव लोग :
फाइलेरिया इंस्पेक्टर अनस अहमद ने बताया कि प्री-टास जांच अभियान में पॉजिटिव पाए गए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को दवा दी जा रही है। यदि पॉजिटिव पाए गए लोग समय पर दवा खा लेते हैं, तो वह फाइलेरिया जैसे रोग से पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।
 (सूचना एवं संचार का दैनिक जनजागरण करता विचार  लखीमपुर डायरी जरूर नियमित पढ़ें, प्रतिदिन शाम 7 बजे के बाद)
क्या है फाइलेरिया ?
यह मच्छरजनित बीमारी है | इससे बचाव ही उपचार है | इसे हाथी पाँव के नाम से जाना जाता है | सामूहिक दवा के सेवन( एमडीए) के दौरान साल में एक बार लगातार पाँच साल तक दवा खाने से फाइलेरिया से बचा जा सकता है।

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