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रविवार, 4 दिसंबर 2022

2019 की तुलना में बहुत अधिक सुन्दर होगा 2025 का महाकुम्भ - उप मुख्यमंत्री केशव मौर्यउत्तर प्रदेश

प्रयागराज, श्री ब्रह्म निवास शंकराचार्य आश्रम, अलोपीबाग में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मा0 श्री केशव प्रसाद मौर्य श्रीमज्ज्योतिष्पीठोद्धारक जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती जी के 150वीं जयन्ती एवं श्री राधा माधव जयंती पाठोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में सम्मिलित हुए। सर्वप्रथम उन्होंने पूज्य श्रीमद्ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी के कक्ष में जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। फिर स्वामी शंकराचार्य जी के साथ ही भागवत कथा स्थल पर आए। कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में उप मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मलीन ब्रह्मानंद सरस्वती जी की जयंती के अवसर पर आने व सम्मिलित होने का आशीर्वाद मिला। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी जी की छत्रछाया में विगत 2019 के कुम्भ में से अधिक अच्छी सुविधाएं, साज-सजावट व अन्य कार्य कराए जायेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद जी ने कहा कि मैं तो स्वयं ही कार्यकर्ता हूँ सेवक हूँ। पूज्य जगद्गुरु शंकरचार्य जी के संरक्षण व सान्निध्य में श्रीराम कार सेवा करने का भी अवसर मिला। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण में पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी एवं माननीय स्वर्गीय अशोक सिंहल जी का अद्वितीय योगदान, सहयोग व मार्गदर्शन मिला जिससे इतनी बड़ी सफलता मिली।आराधना महोत्सव के पांचवें दिन पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद जी महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के अभियान की विभिन्न रोचक घटनाओं व संस्मरणों को सुनाते हुए कि मुझे निर्णयानुसार हर हाल में कार सेवास्थल पहुंचकर कार सेवकों का मार्गदर्शन करने व कार सेवा में भाग लेना था। पुलिस का चारों तरफ बड़ा मजबूत सुरक्षा घेरा था। गहन सुरक्षा बल होने के कारण वहाँ तक पहुंचना बड़ा मुश्किल था, किन्तु मोटर की डिग्गी में छिपकर मैं अयोध्या पहुंचा था।श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मनंद सरस्वती जी के विषय में स्वामी जी ने बताया कि यह स्वामी जी की इस 125वीं जयंती के अवसर पर उनकी पूजा का अवसर सबको उपलब्ध हो सके इसलिए इस कार्यक्रम को विशेष भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। यह पूज्य पीठोद्धारक शंकराचार्य जी के श्रम, योगदान एवं प्रचार-प्रसार सहित त्याग तपस्या का ही फल है कि 165 वर्षों तक पूजापाठ की दृष्टि से बाधाओं का शिकार रही किन्तु श्री ज्योतिष्पीठ पुनर्जागृत होकर हम लोगों को आध्यात्मिक जगत से जोड़कर पुण्य कार्यों की जानकारी और धार्मिक अनुष्ठान करने का अवसर मिल रहा है।
आरोधना महोत्सव में चल रही श्रीमद्भागवत कक्षा में कथा व्यास परमपूज्य आचार्य श्री जितेन्द्रनाथ महाराज, श्रीनाथ पीठ, श्री देवनाथ मठ, सुर्जी अंजन गांव, अंजनीग्राम जनपद अमरावती ने बताया कि धर्म प्रभू के चरण-शरण में जाने की प्रेरणा देता है, अधर्म रोकता है। श्रीमद्भागवत अधर्म व अधर्मियों से बिना डरे धर्म सम्मत कार्य व अनुष्ठान करने की प्रेरणा देता है। पूज्य आचार्य जी ने जैन सम्प्रदाय के धर्मगुरू श्री ऋषभदेव महाराज जी के जन्म व उनके पुत्रों के जन्म की कथा सुनाई। बताया कि ऋषभदेव स्वामी ने अपने पुत्रों को आध्यात्मिक व जीविका सम्बन्धी ज्ञान दिया।आराधना महोत्सव में आकर उपमुख्यमंत्री मा श्री केशव प्रसाद मौर्य जी नारायण-व्यास व ब्रह्मलीन शंकराचार्यों तथा पूज्य व्यास आचार्य श्री जितेन्द्रनाथ जी महाराज तथा पूज्य शंकराचार्य जी को माला पहना कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में पूज्य श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी ने शाल, शताब्दी ग्रंथ एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। दण्डी संन्यासी श्री विनोदानंद सरस्वती दण्डी संन्यासी शंकरानंद सरस्वती, दण्ड संन्यासी शिवानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी आत्मानंद जी, अनिल कुटेटा, वेद प्रकाश शर्मा, राम आधार शर्मा आदि ने विशेष सहयोग किया। 
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विधायक श्री प्रवीण पटेल, श्री गुरू प्रसाद मौर्य, सुरेन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक श्री दीपक पटेल, महानगर अध्यक्ष श्री गणेश प्रसाद केसरवानी, गंगापार अध्यक्ष श्री अश्विनी पांडे, जमुनानार अध्यक्ष श्री विभवनाथ भारती, काशी प्रान्त उपाध्यक्ष श्री अवधेश गुप्ता, पूर्व सभासद उमेश मिश्रा, गौसेवा काशी प्राप्त मंत्री श्री लालमणि तिवारी आदि उपस्थित रहे जिन्हें पूज्य शंकराचार्य जी द्वारा विशेष आशीर्वाद दिया।

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